गरियाबंद, दिनांक 06 अक्टूबर 2025 नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के डीजीएन डिवीजन के तीन सक्रिय माओवादियों ने हिंसा और विनाश का मार्ग छोड़ आज आत्मसमर्पण किया है।

 

आत्मसमर्पित माओवादियों का विवरण:-

(1) नागेश उर्फ रामा कवासी — ₹1 लाख ईनामी निवासी: ग्राम तर्रेम, थाना तर्रेम, जिला बीजापुर
वर्ष 2022 में पामेड एरिया कमेटी (डीव्हीसी-पाण्डु) में भर्ती।
धमतरी के एकावरी मुठभेड़ एवं मेटाल मुठभेड़ (11 सितंबर 2025) जैसी प्रमुख घटनाओं में शामिल।
डीव्हीसी-डमरू के गार्ड के रूप में कार्यरत रहा।

(2) जैनी उर्फ देवे मडकम — ₹1 लाख ईनामी
निवासी: ग्राम इतगुड़ेम, तहसील आवापल्ली, जिला बीजापुर
वर्ष 2016 में जनमिलिशिया से शुरुआत, बाद में ओडिशा स्टेट कमेटी सदस्य प्रमोद उर्फ पाण्डु की गार्ड बनी।
धमतरी, ओडिशा एवं गरियाबंद क्षेत्र में कई मुठभेड़ों में शामिल रही, जिनमें मोटीपानी (मई 2025) व मेटाल (सितम्बर 2025) प्रमुख हैं।

(3) मनीला उर्फ सुंदरी कवासी — ₹1 लाख ईनामी
निवासी: ग्राम जैगूर, थाना भैरमगढ़, जिला बीजापुर
2020 में संगठन में भर्ती, बाद में सीनापाली एरिया कमेटी में सक्रिय।
मोतीपानी, काण्डसर एवं मेटाल मुठभेड़ों में शामिल रही।

तीनों माओवादियों ने बताया कि वर्तमान में माओवादी संगठन की विचारधारा पूरी तरह खोखली हो चुकी है। निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, विकास कार्यों में बाधा, युवाओं को बहकाकर भर्ती करना और अवैध वसूली जैसे कारणों से वे संगठन से निराश हो गए। शासन की पुनर्वास नीति, आत्मसमर्पित साथियों के खुशहाल जीवन और पुलिस की अपील से प्रभावित होकर उन्होंने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।

पुलिस का योगदान और अपील:- 

इस आत्मसमर्पण अभियान में गरियाबंद पुलिस की E-30 टीम, STF, Cobra 207 तथा CRPF का विशेष योगदान रहा।
गरियाबंद पुलिस ने जिले में सक्रिय माओवादियों से अपील की है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागकर शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं।

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