बालकोनगर, 12 नवंबर 2025 वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने ‘पोषण माह 2025’ के तहत कोरबा जिले में कई सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। यह आयोजन भारत सरकार के ‘पोषण अभियान’ के तहत हर वर्ष संचालित किया जाता है। इस वर्ष बालको ने अपने प्रोजेक्ट आरोग्य और नंद घर कार्यक्रमों के अंतर्गत ‘हर बच्चे के लिए स्वस्थ भविष्य’ थीम पर यह अभियान चलाया।

अभियान में माताओं को बच्चों के सही खानपान और सेहत से जुड़ी आवश्यक जानकारियाँ दी गईं। टेक होम राशन (टीएचआर) और पॉजिटिव डिविएंस हर्थ (पीडी हर्थ) सत्रों के माध्यम से स्थानीय खाद्य सामग्री से पौष्टिक भोजन बनाने की विधियाँ सिखाई गईं। गीतों, प्रतियोगिताओं और घर-घर प्रदर्शनों के जरिए यह जानकारी 40 गांव और 33 नंद घरों में 250 से अधिक परिवारों तक पहुँचाई गई।

बाल स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत बालको ने ‘शिशु संजीवनी पैक’ नामक पौष्टिक रेडी-टू-ईट आहार भी लॉन्च किया, जो आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को दिया जाएगा। प्रत्येक 40 ग्राम पैक में लगभग 200 कैलोरी ऊर्जा और प्रोटीन होता है। यह पहल वेदांता के ‘रन फॉर ज़ीरो हंगर’ अभियान के अंतर्गत है और सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अर्बन रूरल एंड ट्राइबल (श्रोत) के सहयोग से लागू की जा रही है। इससे बालको समर्थित 262 नंद घरों के माध्यम से लगभग 14,000 बच्चों को लाभ मिलेगा।

प्रारंभिक बाल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बालको ने ‘खिलते फूल मॉड्यूल’ भी शुरू किया, जो 0 से 3 वर्ष तक के बच्चों के अभिभावकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक मार्गदर्शिका है। अभियान के दौरान चैंपियन मदर, सर्वश्रेष्ठ नंद घर (उपस्थिति के आधार पर), सर्वश्रेष्ठ किचन गार्डन, सर्वश्रेष्ठ पोषण बाड़ी और सक्रियतम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसी श्रेणियों में सम्मान भी प्रदान किए गए।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा ने कहा कि हर बच्चे के विकास में अच्छा पोषण सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बालको का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा स्वास्थ्य और पोषण के अवसर से वंचित न रहे। प्रोजेक्ट आरोग्य और नंद घर जैसी परियोजना समाज में जागरूकता बढ़ाने, परिवारों को सशक्त बनाने और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ठोस कदम हैं। हम चाहते हैं कि हर बच्चा स्वस्थ, शिक्षित और आत्मविश्वासी बनकर आगे बढ़े।

बेलगरी बस्ती की निवासी अकांक्षा साहू ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा ने कहा कि हमारे घर में हमेशा हरी सब्ज़ियाँ खाई जाती हैं, लेकिन मैंने देखा कि मेरा छोटा बच्चा दूसरों की तरह मजबूत नहीं हो रहा था। जब मैं पीडी हर्थ सत्र में गई, तब समझ आया कि बच्चों को खास तरह के पोषण की जरूरत होती है। वहाँ सिखाई गई टीएचआर रेसिपी आसान थीं और स्थानीय चीज़ों से पौष्टिक खाना बनाने में मदद मिली। इन तरीकों को अपनाने से मेरे बच्चे की सेहत और ताकत दोनों बढ़ी हैं, और हमारे पूरे परिवार का स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है।

‘पोषण माह 2025’ के माध्यम से बालको ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने और हर परिवार तक पोषण आधारित विकास की मजबूत नींव रखने के अपने संकल्प को फिर से दोहराया।

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