महात्मा गांधी के विचारों और आदर्शों को करीब से समझने के लिए गांधी सेवा ग्राम आकार लेने लगा है। आत्मनिर्भरता के लिए रोजगार प्रशिक्षण, शिक्षा सहित शोध कार्य आदि उद्देश्यों की पूर्ति यहां हो सकेगी।(second largest Gandhi Sevagram)वर्धा (महाराष्ट्र) के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सेवा ग्राम होगा।

 


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75 एकड़ में निर्माण कार्य जारी

नवा रायपुर के सेक्टर-30 के समीप लेयर-1 और लेयर-2 के ग्रीन बेल्ट में इसका निर्माण किया जा रहा है। 129 करोड़ की लागत से बन रहे सेवा ग्राम का विस्तार 76 एकड़ में किया जा रहा है। सेवाग्राम की प्लानिंग, डिजाइनिंग, निर्माण एवं विकास के लिए नईदिल्ली की एक कंपनी को तकनीकी सलाहकार बनाया गया है, जबकि निर्माण की जिम्मेदारी नवा रायपुर विकास प्राधिकरण को मिली है। अधिकारियों के मुताबिक इसे ग्रामीण परिवेश के रूप में विकसित किया जाएगा। सेवा ग्राम में छत्तीसगढ़ की परंपरागत ग्रामीण भवन शैली की झलक दिखेगी। निर्माण कार्यों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग होगा।(second largest Gandhi Sevagram)

 

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हरियाली से भरपूर, सड़क भी गांवों के जैसी

सेवा ग्राम तक पूरा क्षेत्र हरियाली से भरपूर रहेगा। यहां की सड़कें भी ग्रामीण परिवेश के अनुरूप होंगी। सेवा-ग्राम के निर्माण में मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करते हुए किया जाएगा। सेवाग्राम में गांधीवादी सिद्धांतों, ग्रामीण कला और शिल्प के केंद्र विकसित किए जाएंगे, जहां अतिथि विषय-विशेषज्ञ मार्गदर्शन देंगे। यहां छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं को प्रोत्साहन साथ ही वहां वृद्धाश्रम तथा वंचितों के लिए स्कूल भी स्थापित किए जाएंगे। बुजुर्गों को दूसरा घर देकर और वैचारिक आदान-प्रदान की सुविधा होगी। साथ ही विजिटर्स सेंटर और गांधी के सिद्धांतों को स्मरण करने का केंद्र होगा।

 

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आत्मनिर्भरता के लिए प्रशिक्षण भी

गांधी सेवा ग्राम को कुछ इस तरह बनाया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके। आत्मनिर्भर ग्राम की कल्पना को साकार करने के लिए सभी प्रकार के कारीगरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। यहां समय-सीमा के भीतर प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। व्यक्तियों को इस काबिल बनाया जाएगा, जिससे सेवा ग्राम से निकलकर वह स्व-रोजगार कर सके।

 

 

अप्रैल-2024 में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य

प्रोजेक्ट में दूसरे चरण का कार्य 9 अप्रैल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरे चरण में 77 एकड़ क्षेत्रफल में निर्माण कार्य किया जाएगा, जिसमें 101 करोड़ रुपये की लागत से 13500 वर्गमीटर क्षेत्रफल में भवनों का निर्माण कार्य, बायोडायवर्सिटी पार्क, लैंडस्केपिंग एंड आर्गेनिक फार्मिंग आदि कार्य होंगे।

 

 

यह सुविधाएं होगी

यहां इकोलाजी पांड, सोलर सेक्योरिटी फैंस, फ्रीडम वाक, पाथ-वे, इको सिस्टम-रेन वाटर कलेक्शन, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवरेज कलेक्शन, अंडरग्राउंड केबलिंग, सोलर पावर सिस्टम, टेलीकम्युनिकेशन, सीसीटीवी-वाई-फाई सिस्टम आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेगी।

 

 

 

By Ankit

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