रायपुर, 05 जनवरी 2023 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। श्री बघेल ने छेरछेरा पर्व की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि महादान और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला छेरछेरा पुन्नी तिहार हमारी सामाजिक समरसता, दानशीलता की और समृद्ध गौरवशाली परम्परा का संवाहक है। इस दिन ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा‘ बोलते हुए गांव के बच्चे, युवा और महिलाएं खलिहानों और घरों में जाकर धान और भेंट स्वरूप प्राप्त पैसे इकट्ठा करते हैं और इकट्ठा किए गए धान और राशि से वर्ष भर के लिए कार्यक्रम बनाते हैं। यह नई फसल के घर आने की खुशी में पौष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसी दिन मां शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं।(Chhattishgarh folk festival Chherchera)
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मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों में उदारता के कई आयाम दिखाई देते हैं। यहां उत्पादित फसल को समाज के जरूरतमंद लोगों, कामगारों और पशु-पक्षियों के लिए देने की परम्परा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अमूल्य धरोहरों और पौराणिक परम्पराओं का संवर्धन और संवहन हो सके, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार ने छेरछेरा तिहार पर सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है। उन्होंने कहा है कि छेरछेरा तिहार भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त कर मिल-जुलकर जीना सिखाता है। छत्तीसगढ़ की इस समृद्ध परम्परा और सभ्यता को भावी पीढ़ी तक ले जाना हम सबका दायित्व है।(Chhattishgarh folk festival Chherchera)