बालकोनगर, 19 सितंबर, 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व फोटोग्राफी के अवसर पर ‘मल्हार 2.0’ फोटो प्रदर्शनी व हिंदी दिवस का संयुक्त आयोजन किया। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने फीता काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में वेदांता समूह के प्रतिभाशाली कर्मचारियों द्वारा खींची गई तस्वीरों का संग्रह प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में आये आगंतुकों ने मनमोहक फोटोग्राफी की सराहना की।(Children photography exhibition Malhar)

Children photography exhibition Malhar


बालको टाउनशिप में आयोजित दो दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला को ‘मल्हार’ नाम दिया गया। ‘वाह क्या व्यू है’ थीम के इर्द-गिर्द घूमती प्रदर्शनी में प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाने वाली मनमोहक चित्र प्रदर्शित की गईं। सभी कलात्मक छायाचित्र बालको के साथ-साथ वेदांता समूह के विभिन्न यूनिट के कर्मचारियों द्वारा खींचे गए थे। कर्मचारी एवं उनके परिवारजन तथा स्कूल के छात्रों सहित आगंतुकों के लिए खुली यह प्रदर्शनी दर्शकों के लिए अविस्मरणीय आनंददायक अनुभव रहा।(Children photography exhibition Malhar)

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दो दिवसीय मल्हार कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। कंपनी ने स्थानीय छात्रों के लिए हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी में स्वरचित काव्य लेखन एवं काव्य पाठ आयोजित किया। कार्यक्रम में 10वीं, 11वीं और 12वीं के लगभग 80 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कर अपनी साहित्यिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। छात्रों ने बहुत ही उत्साह एवं उमंग के साथ देशभक्ति, सामाजिक एवं मार्मिक कविता से श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी। सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को हिंदी भाषा में काव्य पाठ करने के लिए सम्मानित किया गया।

 

कार्यक्रम में ‘सेल्फी कॉर्नर’ के साथ-साथ बच्चों के लिए ‘किड्स कॉर्नर’ बनाया गया था जिसमें बच्चों के लिए स्केच बनाने तथा बनी हुई आकृति में रंग भरने की व्यवस्था थी। बालको कर्मचारियों को पीपीटी प्रेजेंटेशन का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि कैसे दर्शकों को ध्यान में रखते हुए फ़ॉन्ट चुनाव, उपयोगी बुलेट पॉइंट, रंगों का प्रयोग, प्रभावशाली चित्रों एवं चार्ट और ग्राफ़ का प्रयोग करना चाहिए।

 

मल्हार कार्यक्रम की सराहना करते हुए बालको के सीईओ एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमारी तकनीकी प्रगति को समृद्धि प्रदान करने तथा नवाचार करने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे कार्यक्रम हमारे संगठन के भीतर कर्मचारियों के लिए प्रेरणा स्रोत तथा उनमें रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। बच्चों की कविता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सामंजस्यपूर्ण समाज की साहित्यिक नींव को आकार देने में आने वाली युवा पीढ़ी की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। हिंदी भाषा को बढ़ावा देना हमारी संस्कृति की समृद्ध विरासत को संजोये रखने का प्रयास है जो एक बेहतर और समावेशी समाज की ओर सराहनीय कदम है।

 

By Ankit

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