दिनांक 29 जुलाई 2022

विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को लेकर एक बेहद ही राहत भरी खबर सामने आई है। यूक्रेन और चीन में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे करीब 40,000 छात्र करोना महामारी या रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत याने अपने घर लौट आए थे।ऐसे भारतीय छात्र जो अपने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थें।केंद्र सरकार ने उन्हें आदेश में कहा है कि।


सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अप्रैल को पारित आदेश के अनुसार यह सूचित किया जाता है कि भारतीय छात्र जो अपने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और कोविड-19 या रूस-यूक्रेन युद्ध आदि के कारण अपने विदेशी चिकित्सा संस्थान को छोड़कर भारत लौट आए और बाद में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है। उन्हें भारत में प्रैक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।

हालांकि इन छात्रों को 30 जून, 2022 को या उससे पहले अपने संबंधित संस्थान द्वारा पाठ्यक्रम पूरा करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है। आदेश में कहा गया है कि, इसके अलावा इन स्टूडेंट्स के लिए एफएमजी एग्जाम पास करने के बाद दो साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करनी होगी। कोर्स पूरी कर चुके इन छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए पहले फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (FMGE) क्वालीफाई करना पड़ता है। जो छात्र इस परीक्षा को क्वालीफाई करते हैं, सिर्फ उन्हें ही भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने का मौका मिलता है।

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