MBBS की पढ़ाई कर रहे या नीट एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए जरूरी सूचना है. जरूरी नहीं कि आपने NEET पास कर लिया तो आप डॉक्टर बन ही जाएं.क्योंकि एमबीबीएस में एडमिशन के बाद भी आपको अच्छी परफॉर्मेंस बरकरार रखनी होगी. आपको एमबीबीएस एग्जाम पास करने के लिए मनचाहे मौके नहीं मिलेंगे. इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने नए नियम बनाए हैं, जो हर किसी पर लागू होंगे. Medical Students के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एनएमसी की नई गाइडलाइन को सही ठहराया है और छात्रों की याचिका खारिज कर दी.(MBBS new rule will)

 

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याचिका खारिज करते हुए Delhi High Court ने कहा- ‘मेडिकल एक नोबल प्रोफेशन है और डॉक्टर्स बड़े स्तर पर आम लोगों को सर्विस देते हैं. इसलिए नियम ऐसे होने चाहिए जो ये सुनिश्चित कर सकें कि सिर्फ वही लोग मेडिकल प्रोफेशनल बनें जो इसके लायक हों और जिनका इसके प्रति झुकाव हो.(MBBS new rule will)

 

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क्या था मामला

कुछ एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि उन्हें एग्जाम देने के और मौके दिए जाएं. क्योंकि उन्होंने एडमिशन तब लिया था जब MBBS Exam में अटेंप्ट्स की संख्या सीमित नहीं की गई थी. इन छात्रों की दलील थी कि NMC का नियम उनके मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के बाद आया था, इसलिए वह उनपर लागू नहीं होना चाहिए.(MBBS new rule will)

दरअसल ये स्टूडेंट्स 4 बार में भी एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की परीक्षा पास नहीं कर सके. उसके बाद इनपर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नए नियम के तहत एग्जाम देने से रोक लग गई. लेकिन कोर्ट ने इनकी याचिका खारिज कर दी.(MBBS new rule will)

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही थी. बेंच ने कहा कि आयोग का नियम मनमाना नहीं है. कैंडिडेट के पास जितनी बार मन चाहे उतनी बार एग्जाम देने का अधिकार नहीं है.

 

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क्या है एनएमसी का नियम?

इस मामले में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) के रेगुलेशन ऑन ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन (अमेंडमेंट) 2019 के नियम 7.7 को चुनौति दी गई थी. इस नियम के अनुसार नीट क्वालिफाई करने के बाद जब आप MBBS में दाखिला लेते हैं, तो कोर्स के दौरान होने वाली वार्षिक परीक्षा पास करने के लिए आपको अधिकतम 4 मौके दिए जाएंगे. अगर आप 4 बार में एमबीबीएस एग्जाम पास नहीं कर सके, तो पांचवां मौका नहीं मिलेगा.

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