रायपुर।। श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में “योग शिक्षा की उपादेयता: वर्तमान जीवनशैली के परिपेक्ष्य में ” विषय पर दिनांक 19 से 21 जून 2023 को आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन दिनांक 19 जून 2023 हुआ जिसमें राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से 250 प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. अविनाश चंद्र पांडे, विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलपति अटल बिहारी बाजपई विश्वविद्यालय बिलासपुर आचार्य ए. डी. एन. वाजपेई एवं विशेष अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ योग आयोग अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा शामिल हुए। उद्घाटन सत्र को दीप प्रज्जवलन एवं राजकीय गीत के साथ प्रारंभ किया गया। तत्पश्चात श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के प्रति-कुलाधिपति श्री हर्ष गौतम ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग न सिर्फ हमें शरीर से स्वस्थ बनता है बल्कि अपने व्यावसायिक परिवेश में मन- बुद्धि के संतुलन एवं परिमार्जन के लिए आवश्यक है।(national workshop on Yoga)
तत्पश्चात आचार्य ए. डी. एन. वाजपेई ने अपने उद्बोधन में योग के क्षेत्र में अनुसंधान करते हुए योग शक्ति और सर्वांगीण वैज्ञानिक विकास को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा ने विश्वविद्यालय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह प्रयास सराहनीय है और विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास के लिए योग को स्कूल कॉलेजों में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करना आवश्यक है । आईयूसीवायएस के डायरेक्टर प्रो. अविनाश चन्द्र पांडे ने अपने उद्बोधन में वर्तमान जीवन शैली में योग को चिकित्सा हेतु उपयोग करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि विचारों पर, मस्तिष्क की तरंगों पर योग द्वारा नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही साथ उन्होंने फिजिक्स क्वांटम और योग के संबंध पर भी अपने संबोधन में चर्चा की।(national workshop on Yoga)
प्रथम तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ. कामाख्या कुमार, विभागाध्यक्ष योग विभाग, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार ने “आधुनिक जीवन चर्या बनाम योगिक जीवन चर्या” विषय पर ऑन लाइन माध्यम से संबोधित किया। बता दें कि इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सात तकनीकी सत्र हुए जिसमें अलग-अलग योग विशेषज्ञों ने योग शिक्षा के प्रति लोगो को जागरूक किया। इन तकनीकी सत्रों में वक्ता डॉं. विवेक भारतीय , एम्स रायपुर के सह प्राध्यापक डॉ मृत्युंजय राठौर, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के फिजिकल एजुकेशन के विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव चौधरी ,महर्षि प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महर्षि विश्वविद्यालय बिलासपुर के योग विभाग की प्रमुख डॉ. गरिमा ,पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के योग एवं फिलासफी के विभागाध्यक्ष श्री जे एल गहरे, मृत्युंजय योग केंद्र रायपुर की निदेशिका श्रीमती मंजू झा एवं श्रीमती सविता झा ने सभी को योग के अलग-अलग पहलुओं, महत्व और आवश्यकताओं के बारे में चर्चा की और प्रायोगिक सत्रों का संचालन किया।(national workshop on Yoga)
कार्यशाला के अन्तिम दिवस में नवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 के तत्वावधान में कॉमन योग protocol का विश्वविद्यालय परिसर में अयोजन किया गया जिसमें पदाधिकारियों, आचार्यों एवं विद्यार्थियों द्वारा बढ़ चढ़ कर लिया गया।
कार्यशाला का समापन दिनांक 21 जून 2023 को संपन्न हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विवेकानंद आश्रम रायपुर से स्वामी प्रपत्यानंद, विशिष्ट अतिथि के रूप देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो. सुरेश लाल बर्नवाल शामिल हुए। समापन सत्र को दिपप्रज्जवलन एवं राजकीय गीत के साथ प्रारंभ किया गया तत्पश्चात श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के प्रति-कुलाधिपति श्री हर्ष गौतम ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग आध्यात्म तक पहुँचने का रास्ता योग है और जो योग से जुड़ा होता है वह कभी भी किसी भी प्रकार की परिस्थिति में डगमगा नहीं सकता ।
प्रो. सुरेश लाल बर्नवाल ने अपने उद्बोधन में बताया कि कार्यशाला सीखने-सीखाने की प्रक्रिया है और इस कार्यशाला के द्वारा इस उद्देश्य को भलीभांति पूर्ण किया गया। योग प्रत्येक प्रतिभागी के जीवन में उतरे और चिंतन, चरित्र, व्यव्हार में परिलक्षित होना आवश्यक है । प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी कार्यशाला के मूल तथ्यों से जुड़कर उन्हें अपने जीवन में उतारे तो इस कार्यशाला का ध्येय पूर्ण होगा । मुख्य अतिथि स्वामी प्रपत्यानंद वर्तमान परिवेश में मानसिक संतुलन को बनाए रखने में योग अत्यंत आवश्यक है । योग जीवन के हर क्षेत्र में संबल प्रदान करता है । राष्ट्रिय, सामाजिक और व्यक्तिगत कर्तव्यों के सहीं परिपालन हेतु योग आवश्यक है । समापन सत्र के अंत में कार्यशाला के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष, योग विभाग डॉ. केवल राम चक्रधारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया और राष्ट्र गान के साथ कार्यशाला संपन्न हुई ।
उक्त कार्यशाला की आयोजक सचिव डॉ राधिका चंद्राकर सहायक आचार्य योग विभाग रहीं।