छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हितग्राहियों के खाते में 8.23 करोड़ की राशि आनलाइन भेजी है। यह राशि ग्रामीणों, पशुपालकों और महिला स्व-सहायता समूहों को मिली। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए नई उद्योग नीति की तर्ज पर जल्द ही ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए।(Bhupesh Baghel gave 8.23 crore rupees online)
Read more:छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र अधिसूचना जारी,1 मार्च से होगी शुरू
मुख्यमंत्री ने बताया कि गोठान से जुड़े रूरल इंडस्ट्रियल पार्क अधिकतर जगहों पर क्रियाशील हो रहे हैं। अब यह पूर्णरूप से कार्य करें उसके पहले हमें ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की दिशा में कार्य करना होगा इसके लिए संबंधित विभाग जल्द प्रक्रिया पूर्ण करें, जिससे कि जब पूर्ण रूप से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क कार्य करना प्रारंभ करेंगे तो इनसे जुड़े हितग्राहियों को बैंक से ऋण लेना और अन्य व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सके।(Bhupesh Baghel gave 8.23 crore rupees online)
Read more:विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज,12 फरवरी को छत्तीसगढ़ आएंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
मुख्यमंत्री ने पशुपालकों सहित गोठान से जुड़े महिला समूहों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि वे लगातार रिकार्ड बना रहे हैं। 8.23 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 403 करोड़ 58 लाख रुपये हो जाएगा। गोबर विक्रेताओं को 4.76 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 206 करोड़ 49 लाख रुपये हो जाएगा। उन्होंने गोबर से बिजली उत्पादन के लिए शुरू की गई बिजली यूनिट पर खुशी जाहिर करते हुए, इन यूनिटों से उत्पादित बिजली को पावर ग्रिड से जोड़ने और बिजली की कीमत तय करने के निर्देश दिए।(Bhupesh Baghel gave 8.23 crore rupees online)
4,927 गोठान हुए स्वावलंबी
राज्य में अब तक 4,927 गोठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने लगे हैं। अभी तक जो गोठान समूह जो दीया, वर्मी कंपोस्ट इत्यादि बना रहे थे अब वे बिजली उत्पादन कर रहे हैं। पिछले दिनों राज्य सरकार ने बिजली उत्पादन के लिए जो भी एमओयू किए गए थे, उनमें बेमेतरा और बस्तर की यूनिट जमीनी स्तर पर मूर्त रूप ले चुकी है। अब इसे उत्पादित बिजली को पावर ग्रिड से जोड़ने और इससे उत्पादित बिजली की कीमत तय करने का कार्य जल्द पूरा करें।