छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की हड़ताल से प्रशासनिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हड़ताली कर्मचारियों से काम पर वापस लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा है, लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुक जाने से उन्हें परेशानी हो रही है। ऐसे में आप अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करें।(Bhupesh Baghel tweeted and appealed)

 


 

 

 

 

 

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया एकाउंट से एक संदेश पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारियों से मेरी अपील है कि लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुक जाने से जनता को असुविधा हो रही है। अत: आप सभी कर्त्तव्यों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने लिखा कि हमारी सरकार कर्मचारी हित के लिए सदैव तत्पर है। पुरानी पेंशन योजना उसका एक उदाहरण है। राज्य के वित्तीय संसाधनों को देखते हुए हम कर्मचारी हित में निर्णय लेते रहे हैं, आगे भी लेते रहेंगे।(Bhupesh Baghel tweeted and appealed)

 

Bhupesh Baghel tweeted and appealed
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर हड़ताली कर्मचारियों से की काम पर वापस लौटने की अपील, कहा की; काम रुक जाने से जनता को असुविधा हो रही है

 

 

 

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इससे पहले मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सोमवार को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेताओं को कार्यालय बुलाया था। वहां विधायक विकास उपाध्याय की मौजूदगी में मुख्य सचिव और हड़ताली नेताओं के बीच बातचीत हुई है। मुख्य सचिव ने आम लोगों की दिक्कतों का हवाला देकर काम पर वापस लौटने की बात कही। हड़ताली नेता अपनी मांग पर अड़े रहे। इसकी वजह से उस दिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था।(Bhupesh Baghel tweeted and appealed)

 

 

 

 

 

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भत्ता बढ़ाने के लिए हड़ताल पर हैं कर्मचारी

छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों की यह हड़ताल भत्ता बढ़ाने की मांग के लिए है। कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी, इस दर तक पहुंचने के लिए उनका भत्ता 12% बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी साथ-साथ उठी है। जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया। वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन हाथ आया। उसके बाद 22 अगस्त से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

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