बस्तर के एक जमीन कारोबारी ने क्रिकेट के जुनून में खुद का राष्ट्रीय स्तर का मैदान बना डाला। चार एकड़ में बने इस मैदान में दर्शक दीर्घा छोड़कर क्रिकेट स्टेडियम की अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय मैदान में लगाई जाने वाली घास लगवाई है, बेंहतर ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया है। इस मैदान पर आसपास गांवों के लगभग 60 बच्चे प्रतिदिन प्रशिक्षण ले रहे हैं। जमीन कारोबारी प्रदीप गुहा ने जगदलपुर के धरमपुरा में करीब 20 एकड़ जमीन खरीदी थी। उनको क्रिकेट से लगाव था।(Cg national level ground)
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बस्तर मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर कालीपुर में उन्होंने अपनी टीम बनाई व स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। वह घर पर ही ट्रेक बनाकर प्रेक्टिस करते थे। उन्हें देखकर उनके बेटे व बेटी में भी क्रिकेट का शौक जाग गया। बच्चों को उन्होंने प्रशिक्षण के लिए रायपुर सहित अन्य शहरों तक भेजा। बाद में उनके लिए घर के निकट अपनी जमीन पर स्वयं का मैदान तैयार करवा दिया। नवा रायपुर स्थित अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम से पिच क्यूरेटर बुलवाकर पिच तैयार करवाया। बीसीसीआइ से प्रशिक्षित लेवल-2 कोच बस्तर निवासी कर्मवीर और भिलाई के भूषण चालक यहां बच्चों को कोचिंग देते हैं। स्टेडियम में आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नक्सल क्षेत्र सुकमा से 10 बच्चे यहां आवासीय प्रशिक्षण ले रहे हैं।(Cg national level ground)
तीन वर्ष में बनकर तैयार हुआ क्रिकेट ग्राउंड:
कृषि भूमि को मैदान का रूप देने में तीन साल लग गए। जमीन को मैदान बनाने के लिए रायपुर और राजस्थान से मिट्टी मंगाई गई। समतल करने के लिए महाराष्ट्र से चार रोलर मंगवाए, विदेशी कंपनी के ड्रिप सिस्टम से जमीन पर पानी का छिड़काव किया गया। ग्रास कटर मशीन भी बाहर से मंगवाया गया है। इस खेल मैदान का निर्माण 2019 से प्रारंभ हुआ जो 2023 में गोंचापर्व पर तैयार हुआ है। हालांकि अभी भी निर्माण जारी है। प्रदीप गुहा ने प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों के लिए मामूली फीस तय करने का निश्चय किया है।