छत्तीसगढ़ में विपक्ष का आरोप है कि सरकार में नौकरशाही हावी हो रही है। इसी बीच, पिछले तीन महीनों में राज्य सरकार ने दो आईपीएस अफसरों को निलंबित कर दिया है। इनमें से एक एसपी और एक एडिशनल एसपी शामिल हैं, जिन पर ठीक से काम न करने का आरोप है। जून में सरकार ने बलौदाबाजार के एसपी सदानंद कुमार को सस्पेंड किया था, वहीं 18 सितंबर को कबीरधाम के एएसपी विकास कुमार पर भी कार्रवाई हुई है।(Chhattisgarh IPS officer suspension)
क्यों सस्पेंड हुए एएसपी विकास कुमार?
कबीरधाम के एएसपी विकास कुमार को लोहारीडीह हत्याकांड के मामले में निलंबित किया गया है। यह घटना रेंगाखार थाना क्षेत्र के ग्राम लोहारीडीह में हुई थी, जहां कचरू साहू की फांसी लगी लाश मिली थी। जमीन विवाद के चलते ग्रामीणों ने आरोपी रघुनाथ के घर को आग लगा दी, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस मामले में 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें प्रशांत साहू भी शामिल था। प्रशांत की पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। इस घटना को लेकर सरकार ने कार्रवाई की और एएसपी विकास कुमार को निलंबित कर दिया।(Chhattisgarh IPS officer suspension)
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आईपीएस सदानंद कुमार पर भी गिरी थी गाज
इससे पहले जून में बलौदाबाजार हिंसा के बाद आईपीएस सदानंद कुमार को सस्पेंड किया गया था। सतनामी समाज के धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ के बाद उग्र भीड़ ने कलेक्टोरेट में आगजनी की थी, जिसके बाद सदानंद को निलंबित कर दिया गया।
विकास कुमार की ट्रेनिंग हुई स्थगित
सस्पेंड होने से पहले एएसपी विकास कुमार अक्टूबर में 100 दिन की ट्रेनिंग पर जाने वाले थे, लेकिन अब यह ट्रेनिंग रोक दी गई है।