बस्तर के नक्सल प्रभावित लोगों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रेरणा और समर्थन से दिल्ली के जंतर मंतर पर “केंजा नक्सली-मनवा माटा” (सुनो नक्सली हमारी बात) आंदोलन किया। मुख्यमंत्री साय ने इन पीड़ितों की मुश्किलें समझते हुए उन्हें दिल्ली तक अपनी आवाज़ पहुंचाने का सुझाव दिया और इस कदम के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
मुख्यमंत्री साय ने कई बार बस्तर के प्रभावित ग्रामीणो से कई बार संवाद किया, जहां माओवादी हिंसा के कारण लोग पीड़ित हुए हैं। उन्होंने इन लोगों की तकलीफों को नजदीक से महसूस किया और यह समझा कि इन समस्याओं को केवल राज्य में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उठाना जरूरी है। उनके इस समर्थन के बाद ही पीड़ितों ने दिल्ली जाकर अपने हक और शांति की मांग के लिए आवाज़ उठाने का फैसला लिया।
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जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान, इन लोगों ने माओवादी हिंसा से हुए शारीरिक, मानसिक और सामाजिक नुकसान को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे नक्सलियों की हिंसा ने उनके जीवन और गांवों में विकास कार्यों को प्रभावित किया है। उन्होंने सरकार से नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और अपने क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा लाने की मांग की।
प्रदर्शन के बाद, ये पीड़ित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे और बस्तर की मौजूदा स्थिति और नक्सली हिंसा से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करेंगे। वे गृह मंत्री को एक ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें बस्तर में शांति स्थापित करने, विकास कार्यों को तेज़ करने और सुरक्षा बलों की सही तैनाती की मांग होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने नक्सल प्रभावित लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात रखने का मौका दिया है। उनके समर्थन से इन पीड़ितों को न्याय और शांति की उम्मीद मिली है, जिससे बस्तर में शांति और विकास की दिशा में बढ़ने की आशा बढ़ी है।