रायपुर।मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सोमवार, 15 जनवरी को टाटीबंध स्थित भगवान श्री अय्यप्पा के मंदिर में पूजा आराधना के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।(Shri Ayyappa Temple Tatibandh) प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में उपरोक्त जानकारी देते हुए श्री अय्यप्पा सेवा संघम के अध्यक्ष श्री गोपाल मेनोन ने बताया कि नववर्ष में ग्रहों की विपरीत दशाओं के कारण संभावित दोषों से मुक्ति हेतु शनिश्वर भगवान श्री अय्यप्पा के मंदिर में सोमवार 15 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभअवसर पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि भारत के केरल राज्य में स्थित सबरीमाला मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। सबरीमाला मंदिर भगवान श्री अय्यप्पा को समर्पित है जिन्हें भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का स्वरूप) का पुत्र माना गया है। जब भगवान विष्णु ने मोहिनी स्वरूप धारण किया था तब भगवान शिव उन पर मोहित हो गए थे जिसके फलस्वरूप भगवान श्री अय्यप्पा का जन्म हुआ। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के विशेष अवसर पर सबरीमाला मंदिर में रात्रि में एक ज्योति दिखाई देती है, इस दिव्य ज्योति को लेकर मान्यता है कि यह एक देव ज्योति है जिसे भगवान स्वयं प्रज्जवलित करते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर दिखने के कारण इसे मकर ज्योति भी कहा जाता है। जो भक्तजन यहां दर्शन के लिए आते हैं उन्हें 41 दिन पहले से मांसाहारी भोजन का त्याग करना पड़ता है तथा ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करना पड़ता है।

श्री अय्यप्पा मंदिर टाटीबंध में मकर संक्रांति पर आम लंगर (महाभंडारा) एवं दीप अलंकार 15 जनवरी को

मान्यता है कि जो भक्तजन रूद्राक्ष या तुलसी माला धारण कर यह व्रत रखते हैं और मंदिर जाकर भगवान श्री अय्यप्पा का दर्शन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। श्री अय्यप्पा मंदिर में भूतल से गर्भगृह तक पवित्र 18 सीढ़ियाँ यहां देवता निवास करते हैं इस सीढ़ियों को पवित्र माना जाता है क्योंकि इन्हें गर्भगृह का विस्तार माना जाता है।(Shri Ayyappa Temple Tatibandh) हिन्दू धर्म दर्शन में 18 अंक का अपने आप में बहुत महत्व है। श्रीमद् भगवत गीता में 18 अध्याय हैं, 18 पुराण हैं, 18 युद्ध तकनीकें हैं, कुरूक्षेत्र का युद्ध 18 दिनों तक चला था, 4 वेद, 6 सूत्र, 5 इंद्रियां और 3 देवताओं का योग 18 होता है।

18 पवित्र चरणों के महत्व के अलग-अलग व्याख्याएं हैं। 18 पवित्र सीढ़ियां जीवात्मा के परमात्मा तक पहुचंने का पवित्र मार्ग है। जीवात्मा को परमात्मा में विलीन होने के लिए 18 गुणों को पार करना पड़ता है। चरण 1, 2, 3, 4 तथा 5 इंद्रियों (गंध, श्रवण, दृष्टि, स्वाद एवं स्पर्श) का प्रतिनिधित्व करती हैं। पवित्र चरण 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 एवं 13 अष्टरागों (कामम, क्रोधम, लोभम, मोहम, मेदम, मात्सर्यम, थानभा एवं असुया) का प्रतिनिधित्व करते हैं। पवित्र चरण 14, 15 एवं 16 तीन गुणों (तमस, रजस एवं सत्व) का प्रतिनिधित्व करते हैं। पवित्र चरण 17 विद्या का तथा पवित्र चरण 18 अविद्या का प्रतिनिधत्व करता है। कठिन व्रत का पालन करके भगवान श्री अय्यप्पा के भक्तजन जिन्हें अय्यप्पा और मलिकप्पुरम कहा जाता है अपने शरीर, मन एवं बुद्धि को शुद्ध कर पवित्र 18 सीढ़ियों पर आरोहण के लिए अपने सिर पर पूजा सामग्री वाली इरूमुड़ी लेकर पवित्र 18 सीढ़ियों पर आरोहण करते हैं और भगवान श्री अय्यप्पा का दर्शन करते हैं।

श्री अय्यप्पा मंदिर रायपुर में मकर संक्रांति पर कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर की पवित्र 18 सीढ़ियों के खुलने के साथ ही प्रारंभ होगा जो देर रात्रि तक जारी रहेगा। प्रातः 4.30 बजे प्रभात फेरी तथा 4.45 बजे निर्माल्य दर्शन, 5.30 बजे गणपति हवन के साथ ही 7.00 बजे ऊषा पूजन, 7.30 बजे भागवत पारायणम् सम्पन्न होगी। इसके बाद प्रातः 8.30 बजे पल्लीकेट्टु सहित पवित्र 18 सीढ़ियों का आरोहण किया जायेगा। केवल व्रत लिए हुए भक्तों को पल्लीकेट्टु के साथ सीढ़ी चढ़ने की अनुमति दी जाएगी। मंदिर के पवित्र सीढ़ियों पर आरोहण के इच्छुक भक्तजनों से निवेदन है कि वे शीघ्र ही मंदिर कार्यालय में अपना नाम पंजीयन कर आवश्यक निर्देश प्राप्त करें। आरोहण के पश्चात् प्रातः 9.00 बजे घी अभिषेकम्, 9.30 बजे अवरोहण, 10.00 से 10.30 बजे मध्यान्ह पूजन होगी। दोपहर 12.30 से 3.30 बजे तक आम लंगर (महाभंडारा)का आयोजन किया गया है। संध्या 5.00 से 7.00 बजे तक दीप अलंकार, दीपाराधना एवं आरती होगी। संध्या 7.00 से 9.00 बजे तक भजन, 8.15 से 8.30 बजे तक रात्रि भोग पूजा की जायेगी । संध्या समय भक्तजन लाखों दीपकों से मंदिर प्रांगण को सुसज्जित करेंगे। मकर ज्योति जलाने के इच्छुक भक्तजन तेल एवं बत्ती साथ लाकर मकर ज्योति जलाकर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

श्री अय्यप्पा सेवा संघम् द्वारा इस अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में आकर भगवान श्री अय्यप्पा का आशीर्वाद ग्रहण करने का आग्रह किया है।

 

By Ankit

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