भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 16 अगस्त को अपने छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV-D3-EOS-08) के लॉन्च के लिए उलटी गिनती शुरू कर दी है। यह मिशन इसरो के लिए वर्ष 2024 का तीसरा प्रमुख मिशन है, जो फरवरी 2023 में सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए SSLV-D2-EOS-07 मिशन के बाद आ रहा है।(ISRO 2024 first mission)
इस मिशन के लिए उलटी गिनती शुक्रवार सुबह 2:47 बजे से शुरू हो चुकी है, और रॉकेट की लॉन्चिंग आज सुबह 9:19 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से की जाएगी। पहले यह लॉन्च 15 अगस्त को सुबह 9:17 बजे होने वाली थी, लेकिन इसे 16 अगस्त के लिए पुनर्निर्धारित किया गया।(ISRO 2024 first mission)
SSLV-D3-EOS-08 मिशन का मुख्य उद्देश्य एक माइक्रोसैटेलाइट का डिजाइन और विकास करना है, साथ ही इसे उपग्रह के साथ संगत पेलोड उपकरणों से लैस करना है। इस मिशन के साथ, इसरो ने अपने सबसे छोटे रॉकेट की विकासात्मक उड़ान पूरी कर ली है, जो 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर सकता है।
इसरो का यह मिशन वाणिज्यिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड को प्रोत्साहित करेगा, जो उद्योग के साथ मिलकर ऐसे छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों का उपयोग करके वाणिज्यिक प्रक्षेपण कर सकता है।
इस मिशन का एक और महत्वपूर्ण पहलू GNSS-R पेलोड का उपयोग है, जो महासागर की सतह के पवन विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, हिमालयी क्षेत्र में क्रायोस्फीयर अध्ययन, बाढ़ का पता लगाने और अंतर्देशीय जल निकायों का पता लगाने में सहायक होगा।