सरगुजा जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जरहाडीह निवासी रामू 40 वर्ष गुरुवार की दोपहर करीब 12 बजे मछली मारने गांव से 1 किमी दूर खालमुड़ा नदी में गया था। उसके साथ उसका बड़ा पुत्र विनोद 10 वर्षए बेटी कांशी 8 वर्ष व आंशी 5 वर्ष भी थे। दोपहर 1 से 2 बजे के बीच मछली मार लेने के बाद रामू ने अपनी बेटी कांशी को पीठ में उठ लिया और नदी पार करने लगा। इस दौरान उसने विनोद व आंशी को सुखे हुए रास्ते व मेड़ से घर जाने कहा। वह पानी के भीतर करीब 30 मीटर दूर गया ही होगा कि पिता की पीठ पर बैठी बेटी डूबने लगीए यह देख उसने भाई को आवाज दी।(Father and daughter crossing)
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बेटी को बचाने की कोशिश, दोनों डूब गए:
बहन की आवाज सुनकर विनोद ने पिता को छोटी बहन को बचाने की गुहार लगाई लेकिन पिता ने कहा कि उसका पैर कीचड़ में फंस गया हैए वह वापस भी नहीं लौट पा रहा था। देखते ही देखते दोनों गहरे पानी में समाने लगे। इस दौरान पिता ने बेटी को बचाने की काफी कोशिश की। उसने सबसे पहले बेटी को पीठ से सिर पर रख लियाए जब नाक और मुंह में पानी जाने की नौबत आई तो बेटी को दोनों हाथों से सिर के उपर तक उठा लिया। जब वह खुद डूब गया तो बेटी भी हाथ से छूट गई और वह भी डूब गई। पिता व बहन को डूबते देख नदी के किनारे खड़े दोनों बच्चे कुछ नहीं कर पाए।(Father and daughter crossing)
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18 घंटे बाद निकाला गया शव:
पिता व बहन के डूबने की खबर बच्चों ने गांव में दी। इसके बाद गांववालों ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंचे। गांव के धनेश्वर, बाबुलाल, अशोकए सहल सहित अन्य पिता पुत्री को खोजने पानी में उतरे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। शाम 7 बजे अंबिकापुर से एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन अंधेरा हो जाने के कारण उन्होंने रेस्क्यू बंद कर दिया। शुक्रवार की सुबह 7 बजे फिर खोजबीन शुरु हुई और 1 घंटे की मशक्कत के बाद पिता पुत्री का शव बाहर निकाला गया। इस पूरी घटना में 18 घंटे लगे।