मुंबई के बांद्रा इलाके में शनिवार शाम को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीक़ की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के दौरान, बाबा सिद्दीक़ अपनी कार में बैठे थे, जब तीन अज्ञात हमलावरों ने उन पर करीब पांच गोलियां चलाईं। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।(Baba siddhique shot dead)
कौन थे बाबा सिद्दीक़ ?
बाबा सिद्दीक़ का जन्म 13 सितंबर 1959 को पटना में हुआ था, लेकिन वे मुंबई में पले-बढ़े। उन्होंने 1977 में कांग्रेस से जुड़कर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और कुछ ही सालों में अपनी लोकप्रियता के चलते राजनीति में एक मजबूत पहचान बनाई। 1980 में वे बांद्रा तालुका के यूथ कांग्रेस के महासचिव बने और फिर 1988 में मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने।(Baba siddhique shot dead)
1999 में उन्होंने पहली बार बांद्रा वेस्ट से विधायक का चुनाव जीता और लगातार तीन बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने स्लम पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं का उन्नयन और शिक्षा में सुधार जैसे कई अहम कार्य किए। इसके अलावा, 2000-2004 के दौरान वे महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के मुंबई बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे।
हत्या के बाद सुरक्षा और जांच
जानकारी के अनुसार बाबा सिद्दीक़ की हत्या के बाद मुंबई के बांद्रा इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है। पुलिस इस हत्या के पीछे के कारणों की गहन जांच कर रही है और विभिन्न पहलुओं जैसे राजनीतिक और व्यावसायिक दुश्मनी को ध्यान में रख रही है। जांच में यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस हत्या में अंडरवर्ल्ड का हाथ हो सकता है। ताजा रिपोर्ट्स में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की भूमिका की जांच की जा रही है।
प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, ने घटना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने पुलिस को मामले की तह तक जाने और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
बेटे का राजनीतिक सफर
बाबा सिद्दीक़ के बेटे ज़ीशान सिद्दीक़ वर्तमान में वांद्रे ईस्ट से विधायक हैं और उन्होंने भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा है। बाबा सिद्दीक़ अपने सामाजिक कार्यों और हर साल आयोजित किए जाने वाले भव्य इफ्तार पार्टियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध थे।