छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कुनकुरी थाना क्षेत्र में स्थित श्रीटोली गांव के चुरहागढ़ा जंगल में मिली सिर कटी लाश के मामले में पुलिस ने हत्या का खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि इस भयानक घटना के पीछे एक परिवारिक विवाद और टीवी शो “क्राइम पेट्रोल” से प्रेरित होकर रची गई साजिश का हाथ है। 12 अगस्त को जंगल में मिली सिर कटी लाश की पहचान कांसाबेल थाना क्षेत्र के निवासी अभिषेक लकड़ा (30 वर्ष) के रूप में की गई, जिसकी हत्या उसके मौसेरे भाई अभय एक्का (30 वर्ष) और तीन अन्य लोगों ने की थी।
पुलिस जांच की शुरुआतः
पुलिस को 12 अगस्त को सूचना मिली कि चुरहागढ़ा के जंगल में एक सिर कटी लाश पड़ी है। इस खौफनाक घटना की जानकारी मिलते ही एसपी शशि मोहन सिंह के निर्देश पर एएसपी अनिल सोनी और डीएसपी विजय सिंह राजपूत की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को घटनास्थल से नायलॉन की रस्सी और एक लोहे का चाकू बरामद हुआ। मृतक की पहचान के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और मृतक के टैटू और चेहरे की तस्वीरें इंटरनेट पर प्रसारित कीं। इनकी मदद से मृतक की पहचान अभिषेक लकड़ा के रूप में हुई, जो बरजोर का रहने वाला था।
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हत्या की योजना और विवादः
जांच के दौरान पता चला कि अभिषेक को आखिरी बार 11 सितंबर की रात अपने मौसेरे भाई अभय एक्का और उसके तीन दोस्तों संदीप एक्का (41 वर्ष), निर्दोष तिर्की (35 वर्ष), और अनूप लकड़ा (30 वर्ष) के साथ देखा गया था। पुलिस ने इन सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया।
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अभिषेक शराब पीकर आए दिन घर में झगड़ा करता था। 10 सितंबर की रात को भी वह शराब के नशे में अपने रिश्तेदारों से मारपीट कर रहा था। इसी दौरान, अभय ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन अभिषेक उस पर भी हमला करने लगा। इस झगड़े में अभय ने लकड़ी से अभिषेक के पैर पर वार कर उसे घायल कर दिया। डर के कारण उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया और अभय ने उसे घर पर ही रखा।
‘क्राइम पेट्रोल’ से मिली हत्या की प्रेरणाः
अभिषेक की हिंसक हरकतों से परेशान होकर, अभय ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई। आरोपियों ने टीवी शो ‘क्राइम पेट्रोल’ देखकर हत्या का तरीका सीखा और उसकी पहचान मिटाने के लिए सिर और धड़ को अलग-अलग जगहों पर फेंकने की योजना बनाई। 11 सितंबर की रात को अभय और उसके तीनों दोस्तों ने अभिषेक को मारूति वैन (एमपी 05 बीए 1729) में बैठाया और वैद्य से पैर के इलाज का बहाना बनाकर उसे जंगल की ओर ले गए। रास्ते में उन्होंने नायलॉन की रस्सी से गला घोंटकर अभिषेक की हत्या कर दी और पहचान छिपाने के लिए चाकू से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।
आरोपियों की गलती और गिरफ्तारीः
हत्या के बाद, आरोपियों ने अभिषेक का धड़ जंगल के अंदर 50 मीटर तक खींचकर फेंक दिया। लेकिन अंधेरे और घने जंगल में, सिर खोजने के दौरान कहीं गुम हो गया। सिर को ढूंढने की कोशिश में असफल रहने पर, वे चाकू और रस्सी वहीं छोड़कर भाग निकले। अगले दिन पुलिस को घटना स्थल से सबूत मिले और तफ्तीश के बाद चारों आरोपियों को पकड़ लिया गया।
झूठी कहानी और फंसने की वजहः
पुलिस से बचने के लिए अभय ने परिवार वालों को झूठ बताया कि अभिषेक इलाज के बाद राजस्थान के उदयपुर अपने पिता के पास चला गया है। लेकिन जब पुलिस ने जांच की, तो सभी झूठी कहानियां ध्वस्त हो गईं। अंततः पुलिस ने अभय एक्का, संदीप एक्का, निर्दोष तिर्की और अनूप लकड़ा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।