छत्तीसगढ़ समेत चार राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों का ऐलान होते ही आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) लग चुकी है. अब कई नियम लागू हो गए हैं. यह नियम चुनाव के दौरान ही लागू होते हैं ताकि सियासी दल चुनाव के दौरान धन बल का इस्तेमाल कर चुनाव प्रभावित ना कर सके छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों का ऐलान हो गया है. दो चरण में चुनाव हो रहे हैं. 7 और 17 नवंबर को वोटिंग होगी.3 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे.
चुनाव आयोग के तारीखों का ऐलान करते ही छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरममें में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. अब सरकारी भूमिपूजन, शिलान्यास, घोषणा और भर्ती पर रोक लग चुकी है. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक दलों को सभा से पहले पुलिस से परमिशन लेनी जरुरी हो गया है.(Model Code of Conduct)आईए आपको बताते हैं आदर्श आचार संहिता से जुड़े नियम क्या होते हैं.
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जानिए क्या होती है आचार संहिता ? : देश और राज्यों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं. चुनाव के नियमों को ही आचार संहिता कहा जाता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय सरकार, जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों को इन नियमों के पालन करने की जिम्मेदारी
क्या हैं आदर्श आचार संहिता के नियम ? : आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम लागू होते हैं.जिन्हें राजनीतिक दलों और नेताओं को मानना पड़ता है.
- आदर्श आचार संहिता लगने के बाद प्रत्याशी, नेता या समर्थकों को रैली से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी.
- किसी भी सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव से जुड़ी चीजों के लिए नहीं होगा.
- धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं होगा.
- किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास के कार्यक्रम नहीं आयोजित होंगे.
- किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर प्रत्याशी के लिए वोट नहीं मांगे जाएंगे.
- सरकार के प्रचार से जुड़ी सामग्रियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाएगा.
- चुनाव में राजनीतिक दलों के चिन्ह से जुड़ी चीजें नहीं बांटी जाएंगी.
- वोटर्स को लुभाने के लिए धन और विलासितापूर्ण चीजें नहीं बटेंगी.