कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। जिसे नवाचार एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा बी प्लस ग्रेड की मान्यता प्रदान की गयी है। यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो वर्ष 2022 के एनआईआरएफ रैंकिंग में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट 101-151 विश्वविद्यालयों में सम्मिलित है। यहाँ पर वैश्विक मापदंड के अनुरूप विद्यार्थियों में नवोन्मेष को विकसित करने के लिए उच्च गुणवत्तापूर्ण, बहु-विषयक, अनुसंधानपरक शिक्षा एवं कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थी केन्द्रित शिक्षा प्रदान की जाती है। जिससे विद्यार्थियों में मानवीय गुणों से युक्त – एक जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना के साथ-साथ नेतृत्वशक्ति का संपूर्ण विकास हो सके।(Organized guest lecture at Kalinga University)

 

Organized guest lecture at Kalinga University
कलिंगा विश्वविद्यालय में ‘‘विज्ञान को अदालत से कैसे बात करनी चाहिए” विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन संपन्न।

 

 

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नया रायपुर के स्मार्ट सिटी में रणनीतिक रूप से स्थित, इस विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने लिए एक जगह बनाना शुरू कर दिया है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षितिज पर एक चमकते सितारे के रूप में उभर रहा है।(Organized guest lecture at Kalinga University)

 

 

 

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हालही में 11 अक्टूबर को कलिंगा विश्वविद्यालय के फॉरेंसिक साइंस विभाग ने ‘‘विज्ञान को अदालत से कैसे बात करनी चाहिए” पर अतिथि व्याख्यान आयोजित किया। जिसकी मुख्य अतिथि में डॉ. सुनंदा ढेंगे, निजी फोरेंसिक सलाहकार और विशेषज्ञ, ढेंगे कंसल्टेंसी, रायपुर (छ.ग.) मौजूद रही।(Organized guest lecture at Kalinga University)

 

Organized guest lecture at Kalinga University
कलिंगा विश्वविद्यालय में ‘‘विज्ञान को अदालत से कैसे बात करनी चाहिए” विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन संपन्न।

 

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कार्यक्रम की अध्यक्षता विज्ञान विभाग के डीन प्रोफेसर डॉ. सी के शर्मा ने किया। कार्यक्रम का संचालन फॉरेंसिक साइंस प्रथम सेमेस्टर कि छात्रा सुश्री आयशा नूरी ने किया। मुख्य अतिथि डॉक्टर ढेंगे ने विज्ञान के कई पहलुओं पर चर्चा की और साथ ही छात्रों के साथ सवाल जवाब के सिलसिले में न्यायलय पे विज्ञान के प्रदर्शन और अस्तित्व पर भी अपने ज्ञान का प्रकाश डाला।

 

 

 

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डॉ. ढेंगे ने कई हाई प्रोफाइल हत्या के मामलों पर चर्चा की और बताया कि कैसे फोरेंसिक विज्ञान के ज्ञान ने उन्हें फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर दोषियों को बरी करने में मदद की। इस व्याख्यान में सभी फॉरेंसिक साइंस के बच्चों की बहुलतः प्रतिभागिता रही। छात्रों ने कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का समापन फॉरेंसिक साइंस प्रथम सेमेस्टर कि छात्रा सुश्री अपूर्वा देवांगन ने अपने आभार प्रदर्शन के साथ किया।

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