रायपुर।। श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के सह- मेजबानी में और नेहरू युवा केंद्र, छत्तीसगढ़ और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान द्वारा 24 मार्च शुक्रवार को जलवायु, ऊर्जा और जल में युवा नेतृत्व पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। कार्यक्रम में जोबजकारिया यूनिसेफचीफ, छत्तीसगढ़ नेहरू युवा केंद्र के रीजनल हेड श्रीकांत पांडे और विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति श्री हर्ष गौतम एवं कुलपति एस. के. सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम में युवाओं ने छत्तीसगढ़ लोक गीत और नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी और सभी को छत्तीसगढ़ संस्कृति की ओर आकर्षित किया।(Shri Rawatpura Sarkar University)
छत्तीसगढ़, नेहरू युवा केंद्र के रीजनल हेड श्रीकांत पांडे बताया की इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के 1000 गांवों में युवाओं के लिए एक मंच तैयार करना है। इन गाँव के 40000 युवाओं को जलवायु और व्यवहार परिवर्तन का चैम्पियन बनाकर सामुदायिक सहभागिता के साथ-साथ उनको नेतृत्व करने के लिए सशक्त करना है । इसके साथ ही युवाक्लीन और ग्रीन शाला बनाने और कॉलेजों में क्लाइमेट क्लब की स्थापना हेतु कार्य करेंगें। इस कार्यक्रम के माध्यम से इन युवाओं को जल, जलवायु, पर्यावरण, ऊर्जा, पोषण, स्वच्छता, एमएचएम सहित 10 क्षेत्रों में व्यवहार परिवर्तन कराने हेतु क्षमतावान बनाना है, ताकि वे परिवर्तन के वाहक बनकर समाज में आशातीत परिवर्तन ला सकें।(Shri Rawatpura Sarkar University)
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विश्वविद्यालय की ओर से प्रति कुलाधिपति श्री हर्ष गौतम ने अतिथयों का स्वागत किया और नेहरू युवा केंद्र, छत्तीसगढ़ और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की तारीफ की और उनकी इस पहल की सरहाना की इसके साथ ही उन्होंने बताया की श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय इन सभी प्रकार के आयोजन के माध्यम से सुदूरवर्ती आदिवासी क्षेत्र से आए बच्चों को कोचिंग की व्यवस्था करके शिक्षा सेवी बनाने का संकल्प लिया है, जिसे युवा गोंठ के माध्यम से पूरा करेंगे।(Shri Rawatpura Sarkar University)
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. सिंह ने अपने उद्बोधन में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि विश्वविद्यालय माननीय महामहिम राज्यपाल की उपस्थिति से गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहा है साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के एक महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय आयोजन के लिए श्री रावतपोरा सरकार विश्वविद्यालय का चयन करने के लिए हम एनवाईकेएस, विशेष रूप से इसके राज्य निदेशक श्रीकांत पांडे जी के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में, भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति संवेदनशील है, जिसमें बढ़ते मौसम के स्तर, चरम मौसम की घटनाएं और गर्मी की लहरें शामिल हैं। उच्च शिक्षा संस्थान अनुसंधान, शिक्षण और आउटरीच के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को कम करने और अनुकूल बनाने में योगदान दे सकते हैं।(Shri Rawatpura Sarkar University)
जोबजकारिया यूनिसेफचीफ ने कहा कि युवा गोंठ, क्लीन और ग्रीन शाला तथा कॉलेज में क्लाइमेट क्लब के माध्यम से युवाओं में विशिष्ट विकास निखरेगा । उन्हें समय समय में आनेवाले कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा, जो उनके कैरियर को सुदृढ़ करेंगे। वे प्रशिक्षित होकर ग्रीन जॉब्स पर विशेष तौर पर कार्य कर सकेंगे ।