तमिलनाडु में कथित तौर पर बिहारी मजदूरों से मारपीट का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में जेल में बंद बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत ने मनीष कश्यप की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका और FIR को क्लब करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने मनीष कश्यप को हाई कोर्ट जाने को कहा है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की है।(Manish Kashyap SC reprimanded)
सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि कोर्ट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करने के लिए इच्छुक नहीं है. हालांकि, बेंच ने यह स्पष्ट किया कि कश्यप राहत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) सहित उपयुक्त अधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं.(Manish Kashyap SC reprimanded)
सुनवाई के दौरान, पीठ ने यह भी कहा कि कश्यप ने जानबूझकर फर्जी वीडियो बनाए और उन्हें तमिलनाडु जैसे स्थिर राज्यों में अशांति फैलाने के लिए प्रसारित किया.याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा, ‘एक स्थिर राज्य है, तमिलनाडु । आप अशांति फैलाने के लिए कुछ भी प्रसारित कर रहे हैं… हम इस पर विचार नहीं कर सकते…।(Manish Kashyap SC reprimanded)
कश्यप की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह एच ने कहा कि उन्होंने मेनस्ट्रीम अखबारों की रिपोर्ट्स के आधार पर वीडियो बनाया था और अगर कश्यप को NSA के तहत गिरफ्तार किया जाना है तो दूसरे अखबारों के पत्रकारों को भी NSA के तहत हिरासत में लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही मनिंदर सिंह ने बेंच से अनुरोध किया कि तमिलनाडु में दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ दिया जाए और उन्हें बिहार स्थानांतरित कर दिया जाए, जहां इस मुद्दे के संबंध में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी.(Manish Kashyap SC reprimanded)
Read more:छत्तीसगढ़ में आज से शुरू वन विभाग में भर्ती के लिए आवेदन,जानें किन-किन दस्तावेज की पड़ेगी जरुरत.
आदतन अपराधी है मनीष कश्यप ’
वहीं बिहार सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि पटना में दर्ज हुईं FIR अलग-अलग मामलों से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि पहली FIR पटना में बनाए गए वीडियो से जुड़ी है, जिसमें कश्यप की तरफ से फर्जी तरीके से यह दिखाने की कोशिश हुई कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमला हो रहा है. दूसरी FIR पटना एयरपोर्ट के पास बनाए गए वीडियो के संदर्भ में हुई है, जिसमें लोगों के नकली इंटरव्यू दिखाए गए. बताया गया कि ये लोग तमिलनाडु से भागकर आए हैं. मनीष कश्यप फिलहाल तमिलनाडु के जेल में बंद है।
मां ने बयां किया दर्द
मनीष कश्यप की मां बेटे की कैद खत्म न होने से निराश हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “सिर्फ तारीख मिल रही है। बिना वजह सबूत जुटाने के नाम पर तारीख ली जा रही है। लेकिन, उसने जब कोई गलती की ही नहीं है तो सबूत कहां से मिलेगा? मनीष कश्यप को गलत तरह से फंसाया गया है।
कश्यप के नाम कई और मामले दर्ज
साल 2019 में बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप को कश्मीरी दुकानदारों पर लाठी-डंडों से हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में वह सीजेएम अदालत से जमानत मिलने पर छूटे थे।राष्ट्रवाद के नाम पर चंपारण जिले में महारानी जानकी कुंवर अस्पताल परिसर स्थित किंग एडवर्ड-Vll की मूर्ति तोड़ने के मामले में भी मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी। उन्हें हिरासत में भी लिया गया था।