छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक जुनेजा के सेवा कार्यकाल को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अशोक जुनेजा, जो 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, 4 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले थे।(Chhattisgarh DGP Ashok Juneja) लेकिन राज्य सरकार ने उनके सेवा विस्तार के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूरी मिल गई है। इस निर्णय के बाद अब वे फरवरी तक इस पद पर बने रहेंगे।
अशोक जुनेजा के सेवा विस्तार के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। राज्य में नक्सल विरोधी अभियान में मिल रही सफलता एक महत्वपूर्ण वजह है। पिछले छह महीनों में लगभग 150 नक्सली मारे गए हैं और बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के बीच बेहतर तालमेल के कारण नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिल रही है। (Chhattisgarh DGP Ashok Juneja) इसलिए सरकार ने इस मामले में कोई जोखिम न लेते हुए जुनेजा को पद पर बनाए रखने का फैसला किया।
अशोक जुनेजा का अब तक का करियर बहुत ही विविध और अनुभवी रहा है। उन्होंने सेंट्रल डेपुटेशन पर भी काम किया है और रमन सरकार के दौरान इंटेलिजेंस चीफ के रूप में भी सेवाएं दी हैं। वे बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में एसपी के रूप में कार्यरत रहे हैं और गृह सचिव की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और खेल संचालक के रूप में भी काम किया है। पुलिस मुख्यालय में रहते हुए वे सशस्त्र बल, प्रशासन और ट्रेनिंग जैसी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। सेंट्रल डेपुटेशन के दौरान जुनेजा नारकोटिक्स में भी काम कर चुके हैं और कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान सुरक्षा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी।