छत्तीसगढ़ सरकार ने (PLFI) यानी पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया और (TPC) तृतीय प्रस्तुति कमेटी इन दोनों संगठनों पर फिर एक वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। दोनों संगठनों का सीधा संबंध नक्सलियों से हैं। इन दोनों संगठनों को प्रतिबंधित करने के संबंध में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। आपको बता दें कि गृह विभाग के अफसरों के अनुसार पहले से ही राज्य में प्रतिबंध लगा हुआ है इस प्रतिबंध की अवधि जून से समाप्त होनी थी। इसीलिए फिर से अधिसूचना जारी कर दोनों संगठनों पर प्रतिबंध 1 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है(Chhattisgarh government banned organizations)
Read more:DURG : प्रेमिका से ब्रेकअप के बाद युवक ने की खुदकुशी,जांच में जुटी पुलिस
(PLFI) : पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) 2007 में झारखंड में गठित एक उग्रवादी माओवादी संगठन है । पहले इसे झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (जेएलटी) के नाम से जाना जाता था, जिसकी स्थापना 2003 में झारखंड के खूंटी जिले के निवासी दिनेश गोप ने की थी। बाद में इसका नाम बदलकर पीएलएफआई कर दिया गया।रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में करीब आधी नक्सली घटनाओं के लिए पीएलएफआई जिम्मेदार है और इसके कैडर करीब 150-300 हैं. इसका बदला प्रति वर्ष लगभग डेढ़ अरब रुपये की जबरन वसूली है। पीएलएफआई का भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के साथ संघर्ष रहा है और दोनों समूहों के कार्यकर्ता एक-दूसरे की हत्या में शामिल रहे हैं। सुरक्षा बलों ने इसका इस्तेमाल सीपीआई (माओवादी) का मुकाबला करने के लिए किया है। लेकिन इसके चलते पीएलएफआई राज्य में एक बड़ा आतंकी संगठन बनकर उभरा.(Chhattisgarh government banned organizations)
Read more:नक्सलियों ने शिक्षा दूत और उपसरपंच की हत्या,10 दिन पहले किया था अगवा
(TPC) : तृतीय प्रस्तुति समिति (टीपीसी) भारत के माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर से अलग हुआ एक समूह है। टीपीसी ने पुलिस तंत्र को नहीं बल्कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को अपना मुख्य दुश्मन बताया है. टीपीसी का प्रभाव क्षेत्र झारखंड के चतरा, पलामू और लातेहार जिले में है. टीपीसी अन्य माओवादी संगठनों की प्रतिद्वंद्वी है।