कोरबा :- वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप अपने संचालन को कार्बन रहित करने के लिए मजबूत कदम उठा रही है। वित्त वर्ष 2022 में बालको ने 22085 गीगा जूल की ऊर्जा बचत की। ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से बालको ने अपने कास्ट हाउस में स्पेसिफिक हैवी फ्यूल ऑयल (एचएफओ) की खपत को 10 प्रतिशत कम करने तथा उर्जा खपत (उत्पादन के एक इकाई में उपयोग उर्जा) को 15 प्रतिशत तक कम और वित्त वर्ष 2022 में इनगॉट कास्टिंग मशीन में 20 तथा वायर रॉड मिल मशीन में 31 प्रतिशत तक स्क्रैप जनरेशन को कम किया है। स्क्रैप उत्पादन कम होने से रीमेल्टिंग प्रक्रिया में कमी से ऊर्जा की खपत कम हुई।
बालको बायोमास ब्रिकेट्स के साथ थर्मल पावर उत्पादन के लिए अपने ईंधन मिश्रण को हरित कर रहा है, जिसमें सालाना 0.43 मिलियन टन CO2 समकक्ष जीएचजी उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है। वर्षों से पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण में सक्रियता के परिणामस्वरूप वैश्विक बेंचमार्क के अनुसार बालको की करेंट इफीसिएंसी, भारत के एल्यूमिनियम बिजनेस में उसके समकक्षों के बीच पॉटलाइन में कुल डीसी और एसी बिजली की खपत सबसे कम होने की वजह से उर्जा बचत हुई।
इस उपलब्धि पर बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने कहा कि हमारा एल्यूमिनियम स्मेल्टर भारत में सबसे अधिक ऊर्जा कुशल संयंत्रों में से एक है और ऊर्जा के बेंचमार्क को आगे बढ़ाने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
सतत् व्यापार विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में, ऊर्जा संरक्षण के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, सामुदायिक
उत्तरदायित्व, गवर्नेस और नवाचार के उच्चस्तरीय मानदंडों को अपनाकर कार्बन फुट प्रिंट कम करना तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करना है। बालको प्रबंधन हरित एवं उज्ज्वल भविष्य निर्माण की दिशा में योगदान दे रहा है।