कोरबा:- वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से हजारों ग्रामीण युवाओं को स्वावलंबन और सक्षम बना रही है, जिससे छत्तीसगढ़ में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हो रहा है। कुशल मानव संसाधन से किसी राष्ट्र के विकास यात्रा को गति मिलती है।
विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से कंपनी ने अब तक 10,000 से ज्यादा युवाओं को सौर ऊर्जा तकनीक, हाउसकीपिंग, औद्योगिक सिलाई मशीन प्रचालन, कपड़ा सिलने, खाद्य एवं पेय, आतिथ्य सत्कार, इलेक्ट्रिकल्स, फीटर एवं वेल्डिंग, उन्नत कृषि आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया है। इससे युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार पाने में मदद मिली है।
छत्तीसगढ़ में वेदांता एल्यूमिनियम ने कोरबा, कवर्धा और मैनपाट में तीन स्किल स्कूल स्थापित किये हैं जिनके माध्यम से 10,000 से अधिक युवाओं को विभिन्न शाखाओं में प्रशिक्षित किया गया है। वेदांता स्किल स्कूल, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप डिजाइन की गई मजबूत तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है।
इन स्कूलों से प्रशिक्षित युवा बिजली, स्टील, मोटर वाहन, सौर और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के देश के प्रमुख उद्योगों में नियोजित हैं। वेदांता स्किल स्कूल मुख्यंत्री कौशल विकास योजना (एमएमकेवीवाई), नाबार्ड, स्किल इंडिया इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईआईबी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) जैसी सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षण दे रहा है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने कहा कि वेदांता में, सतत आजीविका विकास हमारे सामुदायिक विकास प्रयासों में प्रमुख स्तंभ है। वेदांता स्किल स्कूल के माध्यम से हमारा लक्ष्य स्थानीय युवाओं के बीच कौशल विकास के अवसरों को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें रोजगार योग्य कौशल सीखने के अवसर प्राप्त हों। देश के उत्तरोत्तर विकास में प्रशिक्षित युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। कंपनी समुदाय में प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर तथा सशक्त बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों के साथ सक्षम बनाने में विश्वास करता है। हमारे विभिन्न सामुदायिक विकास कार्यक्रम उस दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं।