नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2023। भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम ने ओडिशा व छत्तीसगढ़ स्थित अपने प्रचालनों में पृथ्वी दिवस 2023 धूमधाम से आयोजित किया। इसके अंतर्गत सस्टेनेबल भविष्य निर्माण के प्रति कटिबद्धता की दिषा में अनेक रचनात्मक कदम उठाए गए हैं। इन्हीं प्रयासों की कड़ी में कंपनी ने ओडिशा के झारसुगुडा स्थित अपने अत्याधुनिक स्मेल्टर प्रचालन में नई ‘मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ)’ की स्थापना कर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। एमआरएफ विषेष तरह का संयंत्र है जहां विभिन्न अपषिष्टों को अलग एवं प्रसंस्करित कर इस्तेमाल योग्य सामग्रियों में बदला जाता है। झारसुगुड़ा में वेदांता समूह द्वारा स्थापित स्मेल्टर दुनिया में एक ही स्थान पर सबसे अधिक एल्यूमिनियम उत्पादन करने वाली इकाइयांे में से एक हैं।(Material Recovery Facility Jharsuguda)
’षून्य अपषिष्ट’ लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एमआरएफ की स्थापना वेदांता एल्यूमिनियम की बड़ी उपलब्धि है। इससे झारसुगुडा संयंत्र से निकलने वाले अपषिष्ट के उपचार और उसके सतत प्रबंधन में मदद मिल रही है। उपचारित अपषिष्ट का प्रयोग अनेक उत्पादक कार्यों में किया जा रहा है। मार्च 2023 में एमआरएफ ने 27,828 किलोग्राम या लगभग 28 टन सूखे व गीले अपषिष्ट को फिर से प्रयोग करने योग्य सामग्रियों में तब्दील किया जिनका इस्तेमाल संयंत्र के विभिन्न प्रचालनों में हुआ। बायो-कंपोस्ट और ब्रिकेट्स का इस्तेमाल बागवानी में किया गया। जिन सामग्रियों को रिसाइकिल नहीं किया जा सकता उन्हें एमआरएफ से सीमेंट उद्योग में को-प्रोसेसिंग के लिए भेज दिया जाता है। इससे घरेलू विनिर्माण उद्योगों में चक्रीय अर्थव्यवस्था की स्थापना और उसके प्रोत्साहन की नई संभावनाएं विकसित हुई हैं।(Material Recovery Facility Jharsuguda)
इस कदम से अपषिष्ट का प्रयोग सामान्य लैंडफिल की बजाय अधिक लाभदायक तरीके से हो सका जिससे 34,820 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के समतुल्य उत्सर्जन में कमी आई साथ ही 48,735 किलोवाट घंटे ऊर्जा की बचत हुई। विशेषज्ञ अनुमानों के मुताबिक इस प्रकार संरक्षित ऊर्जा से 6090 घंटों तक 100 एलईडी टेलीविजन, 8120 घंटों तक 100 लैपटॉप तथा 6090 घंटों तक 1000 एलईडी बल्ब चलाए जा सकते हैं।(Material Recovery Facility Jharsuguda)
इस अवसर पर वेदांता लिमिटेड, एल्यूमिनियम व्यवसाय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राहुल शर्मा ने कहा, ’’पृथ्वी पर प्रकृति की जरूरतों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए व्यावसायिक प्रगति को आकार देकर हम सतत भविष्य के निर्माण के लिए समर्पित हैं। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण धातुओं में शुमार एल्यूमिनियम का प्रयोग अनेक अत्याधुनिक तकनीकों में किया जाता है। यह धातु कम कार्बन वाले भविष्य निर्माण की अगुवाई में सक्षम है। ऐसे ही अनेक प्रयोगों के कारण एल्यूमिनियम को ’भविष्य की धातु’ कहा जाता है। हमारे सांगठनिक प्रयासों का लक्ष्य पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालते हुए अपने सभी स्टेकहोल्डरों के लिए दीर्घकालिक मूल्यों का निर्माण करना है। चूंकि कंपनी और इसके प्रचालन क्षेत्रों के समुदाय एकजुट होकर धरती को हरा-भरा बनाने और पारस्परिक लक्ष्य को अमलीजामा पहनाने की दिषा में कार्यरत है इस दृष्टि से हमारे प्रयास अपने प्रचालन क्षेत्रों के समुदायों को सतत कार्यषैलियों के प्रति जागरूक और प्रोत्साहित करने के प्रति समर्पित हैं।’’
इसके अलावा कंपनी ने अपनी सभी प्रचालन इकाइयों में कर्मचारियों, व्यवसाय के साझेदारों और स्थानीय समुदायों को प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक बनाने और उन्हें स्वैच्छिक योगदान के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से कार्यक्रम आयोजित किए। ओडिशा के झारसुगुडा में वेदांता के कर्मचारियों ने स्वैच्छिक रूप से ओडिषा राज्य वन विभाग के अधिकारियों के साथ सिंघाबागा वेललैंड की सफाई अभियान में भागीदारी की। झारसुगुड़ा में जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस वैटलैंड में प्रति वर्ष अनेक प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है।
छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित वेदांता एल्यूमिनियम की अनुषंगी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के कर्मचारियों को रोजमर्रा के जीवन में पर्यावरण संवेदी कार्य शैली अपनाने संबंधी अनेक पहलुओं से अवगत कराया गया। पृथ्वी दिवस पर छत्तीसगढ़ राज्य वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बालको ने स्थानीय समुदायों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। इसके माध्यम से नागरिकों को वनों के महत्व तथा वनों पर आश्रित आजीविका के सतत स्रोतों की जानकारी दी गई। कर्मचारियों ने संयंत्र परिसर के आसपास स्वैच्छिक रूप से मिट्टी के घड़े स्थापित किए ताकि पशु-पक्षियों को भीषण गर्मी से राहत देने के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके। इसी तरह ओडिशा के लांजीगढ़ स्थित वेदांता एल्यूमिना रिफाइनरी के कर्मचारियों ने कंपनी टाउनशिप परिसर में सामुदायिक आयुर्वेदिक औषधि उद्यान विकसित किया है। इस उद्यान में घृतकुमारी, अष्वगंधा, तुलसी, पेपरमिंट और मधुमेह नियंत्रित करने वाले औषधीय पौधे रोपे गए हैं।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2022 में दूसरी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ‘भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।