लेकिन कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हो चुका है कि मोबाइल की लत बच्चों के दिमाग पर गलत असर डालता है। कई रिसर्च में सामने आया है कि कम उम्र में बच्चों को फोन थमाने से उनका मानसिक विकास यानी मेंटल डेवलेपमेंट प्रभावित होता है। इससे बच्चों में वर्चुअल ऑटिज्म का खतरा बढ़ रहा है। जानते हैं कि आखिर क्या है वर्चुअल ऑटिज्म और इससे बच्चों को कैसे बचाएं।(virtual autism symptoms kids)

 


Read more:छत्तीसगढ़ में 9 जून से हो सकती है एंबुलेंस सेवा बंद,108 और 102 के कर्मचारियों ने की घोषणा

 

क्या है वर्चुअल ऑटिज्म

स्मार्टफोन, टीवी या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों में कई लक्षण दिखाई देते हैं। वर्चुअल ऑटिज्म का ज्यादा असर अक्सर 4-5 साल के बच्चों में देखने को मिलता है। मोबाइल फोन, टीवी और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की लत की वजह से ऐसा होता है। स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों में बोलने और समाज में दूसरों से बातचीत करने में दिकक्त होने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, इस कंडीशन को ही वर्चुअल ऑटिज्म कहा जाता है।(virtual autism symptoms kids)

Read more:प्रख्यात गणितज्ञ और शिक्षाविद्, पद्म श्री आनंद कुमार द्वारा कलिंगा विश्वविद्यालय में सारगर्भित उद्बोधन

 

वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षण

बच्चों में वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षणों की बात करें तो निम्म लक्षण दिखाई देते हैं।

—हर थोड़ी देर में चिड़चिड़ाना

—रिस्पॉन्स न करना

—2 साल के बाद भी बोल न पाना

—फैमिली मेंबर्स को न पहचानना

—नाम पुकारने पर

—अनसुना करना

—फैमिली मेंबर्स को न पहचानना

—किसी से नजरेन मिलाना

—एक ही एक्टिविटी को दोहराना

 

Read more:ओडिशा के ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 233 हुई, 900 लोग हुए घायल; बचाव अभियान जारी, रक्तदान करने के लिए लोगों की लगी लाइन

 

वर्चुअल ऑटिज्म से ऐसे बचाएं बच्चों को

पैरेंट्स को बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रखना चाहिए। गैजेट्स का जीरो एक्सपोजर बच्चों में रखना चाहिए। मतलब उन्हें पूरी तरह इससे दूर रखना चाहिए। अक्सर जब बच्चा छोटा होता है तो पैरेंट्स उन्हें पास बिठाकर मोबाइल फोन दिखाते हैं। बाद में बच्चों को इसकी लत लग जाती है। पैरेंट्स को सबसे पहले तो अपने बच्चों को इलेक्ट्रॉनिग गैजेट्स से दूर रखना है। उनका स्क्रीन टाइम जीरो करने पर जोर देना चाहिए। उनका फोकस बाकी चीजों पर लगाएं। स्लीप पैटर्न भी दुरुस्त करें। बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करें।

By Ankit

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *