इन्द्रावती टायगर रिजर्व बीजापुर के ग्राम परिक्षेत्र मददेड़ बफर के अन्तर्गत ग्राम चेरपल्ली में विगत दिवस पाए गए तेन्दुए के दोनों शावकों को वर्तमान में जंगल सफारी (जू) रायपुर में रखा गया है। तेन्दुए के दोनों शावकों का पशु चिकित्सक से परीक्षण कराया गया और परीक्षण में दोनों शावक स्वस्थ्य पाए गए।(Indravati Tiger Reserve found)

 


 

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गौरतलब है कि 12 नवम्बर शाम को इन्द्रावती टायगर रिजर्व अंतर्गत स्थानीय ग्रामीणों ने तेन्दुए के दो शावकों को कुत्तों से बचाकर ग्राम चेरपल्ली में लाया गया एवं ग्रामीणों के द्वारा इसकी सूचना स्थानीय टायगर रिजर्व के वन अमलों को दी गई। सूचना प्राप्त होते ही उप निदेशक श्री गणवीर धम्मशील अपने वन अमलों के साथ ग्राम चेरपल्ली पहुंचकर स्थानीय ग्रामीणों से शावकों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।(Indravati Tiger Reserve found)

 

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तेन्दुए के दो शावकों को देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि दोनों शावकों का दो या तीन तीनों पूर्व जन्म हुआ है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर एवं मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीवन) जगदलपुर को इसकी सूचना दी गई, जिसमें दोनों शावकों को उनकी माता के पास छोड़ने हेतु निर्देश प्राप्त हुआ। तेन्दुए के दोनों शावकों को उसी शाम भोपालपटनम के लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में लाया जाकर स्थानीय पशु चिकित्सक से परीक्षण कराया गया और परीक्षण में दोनों शावक स्वस्थ पाए गए। पशु चिकित्सक द्वारा दोनों शावकों का परीक्षण उपरांत मादा के रूप में पहचान की गई।(Indravati Tiger Reserve found)

 

 

 

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वन अमलों के द्वारा दोनों शावकों की रातभर आवश्यक देखभाल की गई तथा 12 नवम्बर की सुबह चेरपल्ली के स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से कक्ष क्रमांक 773 मद्देड़ परिसर में सुरक्षित ले जाया गया एवं जिस स्थान से शावकों को लाया गया था उसी स्थान पर निगरानी में रखा गया ताकि उनको उनकी माता तेंदुए से मिलवाया जा सके। निगरानी के लिए उसीपर 5 कैमरा ट्रैप भी लगाया गया जिससे उनकी माता के आने-जाने का पता चल सके। लगातार 2 दिन मिलाने का प्रयास सफल नहीं होने पर इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर एवं मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीवन) जगदलपुर को इसकी सूचना देकर दोनों शावकों को जंगल सफारी (जू) रायपुर में छोड़ने का निर्देश प्राप्त किया गया।

 

 

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इसके तहत दोनों स्वस्थ शावकों को पशु चिकित्सक श्री मिथलेश उप्पल की सहायता से जंगल सफारी (जू) रायपुर छोड़ा गया है। इस पूर अभियान में परिक्षेत्र अधिकारी श्री अजय कावरें, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी श्री संतोष लंकन (वनपाल), श्री राजू कश्यप (वनपाल) श्री विजय दम्मूर (वनरक्षक). श्री रितिक राज चापा (वनरक्षक) एवं चेरपल्ली के ग्रामीण श्री संतोष यालम, श्री विनोद वासम श्री संतोष टिंगे, श्री दशरथ यालम, श्री विजय वासम का सराहनीय योगदान रहा।

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