बुधवार, दिसम्बर 27, 2023 कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में प्रभारी कलेक्टर डॉ सौरभ सोनवणे ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा की व्यवस्था करें। यह व्यवस्था जिले के सौ माडल आंगनवाड़ी केन्द्रों में शुरू की जा रही है। शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों में भी इसे लागू करने के लिए कार्ययोजना बनाएं। इसके लिए प्रत्येक विकासखण्ड में चुने हुए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षित शिक्षक आंगनवाड़ी केन्द्रों से संपर्क करके शासन के निर्देशों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार करें।
महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक इस कार्य की मानीटरिंग करें। कई आंगनवाड़ी केन्द्र स्कूल परिसर में ही संचालित हैं। आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चे पाँच वर्ष की आयु के बाद स्कूलों में ही प्रवेश लेते हैं। यदि बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में अनौपचारिक शिक्षा दी जाएगी तो उनमें शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ेगी। खेल-खेल में छोटी-छोटी बातें बच्चों को सिखाएं। कविताओं तथा कहानियों के माध्यम से भी बच्चों को शिक्षा से जोड़ें।
प्रभारी कलेक्टर ने कहा कि शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के लिए पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। बच्चों को शिक्षित करने के लिए कई एप और वीडियो उपलब्ध हैं। इन्हें शिक्षक अपने टैबलेट के माध्यम से बच्चों को दिखाएं। निष्ठा एप तथा गूगल के रीड एलान्ग एप को डाउनलोड करके भी उपयोगी सामग्री प्राप्त की जा सकती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा जिला समन्वयक शिक्षा मिशन मिलकर कार्ययोजना तैयार करें। इसकी एक सप्ताह में पुन: समीक्षा की जाएगी। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जीपी उपाध्याय, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, सहायक संचालक आशीष द्विवेदी, डीपीसी डीके मिश्रा, बीईओ, बीआरसी तथा पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।