केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दावा किया कि यदि युवाओं को सही कौशल और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है तो भारत वैश्विक ड्रोन हब बन सकता है.(needs 1 lakh drone pilots)

 

Read more:मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजिम विधानसभा क्षेत्र को 68 करोड़ 59 लाख 93 हजार रूपये लागत के 203 विकास कार्याे का सौगात दी

 

उनका कहना है कि आज तकनीक, दुनिया को पूरी तरह से बदल रही है और जटिल से जटिल समस्याओं का हल चुटकी में निकल रहा है. अनुराग ठाकुर का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार टिप्पणी की थी कि ‘भारत के पास दस लाख समस्याओं का एक अरब समाधान है’.(needs 1 lakh drone pilots)

 

Read more:Chhattishgarh : 23 फीट ऊंची दीवार फांदकर हुए 2 कैदी फरार,एक पर हत्या और दूसरे पर

 

अनुराग ठाकुर ने ड्रोन क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसरों की चर्चा करते हुए कहा कि ड्रोन अब बड़ी संख्‍या में रोजगार सृजित करने जा रहे है. उनका कहना है कि भारत को 2023 में कम से कम 1 लाख ड्रोन पायलटों की आवश्यकता होगी. अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक ड्रोन पायलट प्रत्येक महीने में कम से कम 50-80 हजार कमाता है. अगर आप कंजरवेटिव एवरेज भी लेंगे तो रु. 50,000 × 1 लाख युवा × 12 महीने = रु.6000,00,00,000 (6000 करोड़) का रोजगार ड्रोन क्षेत्र में एक वर्ष में सृजित किया जा सकता है.(needs 1 lakh drone pilots)

 

Read more:UPSC MAINS RESULT 2022 : upsc.gov.in पर जारी हुआ सिविल सेवा मेन परीक्षा का रिजल्ट यहां देखें

 

 

इन क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग की अपार संभावनाएं

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खेतों में कीटनाशकों और नैनो उर्वरकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है. ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देना सुशासन और जीवन सुगमता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक और माध्यम है. ड्रोन के रूप में हमारे पास एक स्मार्ट टूल है जो आम लोगों के जीवन का हिस्सा बनने जा रहा है. आज रक्षा, आपदा प्रबंधन, कृषि, पर्यटन, फिल्म और मनोरंजन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक जरूरी है.(needs 1 lakh drone pilots)

 

 

 

 

भारत बन सकता है ड्रोन हब

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि भारत को दुनिया का ड्रोन हब बनाने को लेकर मोदी सरकार प्रतिबद्ध है. उनका कहना है कि भारत एक मजबूत ड्रोन निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है. उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) जैसी योजनाएं इसमें बेहद मददगार साबित हो रही हैं. मोदी सरकार तीन आयामी दृष्टिकोण में अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी और सेवाओं की मांग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. इसमें प्रभावी नीति (नए ड्रोन नियम, 2021); दूसरा ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए पीएलआई के रूप में प्रोत्साहन प्रदान करना और तीसरा स्वदेशी मांग पैदा करना जिसमें केंद्र सरकार के 12 मंत्रालयों अग्रणी भूमिका निभाएंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *