वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) शिक्षा के प्रसार के लिए अपने विभिन्न परियोजनाओं द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में कंपनी का प्रयास, नंदघर के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तथा वेदांता स्किल स्कूल और प्रोजेक्ट कनेक्ट के माध्यम से तकनीकी शिक्षा, डिजिटल शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य निरंतर कर रहा है।(Vedanta Balko Progressive progress)

 


 

Vedanta Balko Progressive progress
वेदांता बालको के योगदान से शिक्षा के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर प्रगति

 

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नंद घर प्रारंभिक अवस्था में बच्चों के समग्र विकास की सुविधा प्रदान करता है।

वेदांता समूह और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित नंद घर परियोजना का उद्देश्य भारत के ग्रामीण पिछड़े इलाकों को देश के विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। नंद घरों के जरिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिल रही है। यह परियोजना बाल कुपोषण के उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य की उपलब्धता, महिलाओं के कौशल उन्नयन और सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। छत्तीसगढ़ में अब तक 3100 से अधिक गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शिक्षित किया जा चुका है।(Vedanta Balko Progressive progress)

नंदघर परियोजना के माध्यम से वेदांता बालको यह सुनिश्चित कर रहा कि हर बच्चे की पूर्ण क्षमता का विकास हो सके। वर्तमान में 262 नंदघर छत्तीसगढ़ राज्य में 18000 से अधिक बच्चों के जीवन को बदल रही है उन्हें कक्षा में सर्वश्रेष्ठ पाठ्यक्रम बाला (बिल्डिंग एज़ लर्निंग एड) पेंटिंग और डिजिटल लर्निंग के माध्यम से इंटरैक्टिव लर्निंग प्रदान कर रहे हैं। नंद घरों में ई-लर्निंग के माध्यम से तीन से छह वर्ष के बच्चों को स्कूल-पूर्व की शिक्षा दी जाती है।(Vedanta Balko Progressive progress)

 

Vedanta Balko Progressive progress
वेदांता बालको के योगदान से शिक्षा के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर प्रगति

 

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प्रोजेक्ट कनेक्ट स्कूली छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है।

गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा व्यक्तियों को सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारियों के प्रति तैयार करने के साथ सामाजिक पूंजी का निर्माण और प्रभावी समावेशी विकास को प्रोत्साहित करती है। इसी के अनुरूप वर्ष 2016 में शुरू ‘परियोजना कनेक्ट’ का उद्देश्य स्थानीय विद्यार्थियों में विज्ञान, अंग्रेजी, गणित और लेखा (सेमा) में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए समुदाय की जरूरतों को पूरा करना है। परियोजना मुख्य रूप से बालको कर्मचारियों तथा स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से छात्रों के ग्रेड में सुधार, शिक्षकों की क्षमता निर्माण और करियर परामर्श के लिए एक सक्षम वातावरण बनाकर सरकारी स्कूलों में सीखने के माहौल में सुधार लाने पर केंद्रित है।(Vedanta Balko Progressive progress)

छह सरकारी स्कूलों में ‘कनेक्ट’ के नियमित कक्षाओं से 2500 से अधिक छात्र को लाभान्वित हुए हैं। शाम को नियमित संदेह सत्रों के माध्यम से 200 से अधिक छात्रों को फायदा मिला है। शिक्षा के स्तंभ को मजबूत करते हुए स्कूल जाने वाले छात्रों की मौजूदा स्थिति का पता लगाने और स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की पहचान करने, पुनः प्रवेश के लिए समुदाय में माता-पिता, शिक्षकों और पंचायती राज संस्थान के सदस्यों के साथ नियमित रूप से ‘कम्युनिटी कनेक्ट’ आयोजित किया जा रहा है। व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, परियोजना में कला, शिल्प, नृत्य, संगीत, कैलीग्राफी, स्पोकेन इंग्लिश, मिट्टी के बर्तन, योग और एरोबिक्स आदि पर छात्रों को शिक्षित करने वाले नियमित ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन शिविर भी शामिल हैं।

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वेदांता बालको के योगदान से शिक्षा के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर प्रगति

 

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शिक्षा को आजीविका से जोड़ता वेदांता स्किल स्कूल।

युवाओं को रोजगारपरक कौशल से सशक्त बनाने के उद्देश्य से बालको ने 2010 में कोरबा वेदांता स्किल स्कूल की स्थापना के लिए लर्नेट स्किल्स लिमिटेड के साथ भागीदारी की। वेदांता स्किल स्कूल प्रशिक्षण केंद्र में आतिथ्य उद्योग, वेल्डिंग, सिलाई मशीन ऑपरेटर, सोलर पीवी टेक्निशियन, इलेक्ट्रीशियन और फिटर के छह ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 45 से 65 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। वेदांता स्किल स्कूल मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना (एमएमकेवीवाई), नाबार्ड, स्किल इंडिया इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईआईबी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) जैसी सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षण दे रहा है।

 

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बालको डीपीएस उत्कृष्ट शिक्षा को सुलभ बना रहा है।

बालको समर्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के माध्यम से बालकोनगर में उत्कृष्ट शिक्षा को सुलभ बना रहा है जिसे वर्ष 2012 में बालको टाउनशिप में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु स्थापित किया गया था। स्थापना के बहुत ही कम समय में स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में और साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में खुद को प्रतिष्ठित किया है।

बालको के लिए समुदायों का सामाजिक-आर्थिक विकास सर्वोपरि है। कंपनी शिक्षा, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य संपदा, स्वच्छता, खेल, संस्कृति और बुनियादी जरूरतों के विकास में गहन हस्तक्षेप के माध्यम से सालाना लगभग 1.5 लाख लोगों के जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के अवसर प्रदान करती है। बालको के सामाजिक विकास प्रयास छत्तीसगढ़ के 4 जिलों को कवर करते हुए 123 गांवों तक पहुंचती है।

 

 

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