बालकोनगर, 14 अक्टूबर 2022। देश की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम हजारों ग्रामीण महिलाओं को कौशल के साथ-साथ वित्तीय साक्षरता, संसाधनों, प्रौद्योगिकी, बाजार और कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच हासिल करने में सक्षम बनाने के साथ ही राष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक विकास में समान भागीदार निभा रही हैं। कंपनी का मौलिक सिद्धांत है कि सतत विकास के लक्ष्यों के लिए ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी अहम है, जिससे गरीबी उन्मूलन और भोजन की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी।(Vedanta promotes participation of rural women)
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वेदांता समूह ओडिशा और छत्तीसगढ़ में एल्यूमिनियम का उत्पादन करती है। जहां कंपनी महिलाओं को आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से खुद को सशक्त करने में सक्षम बना रही है इन कल्याणकारी योजनाओं से 13,000 से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। वैश्विक लक्ष्य नो पॉवर्टी, जीरो हंगर और जेंडर इक्वलिटी के प्रति समर्पित परियोजनाएं कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जो महिलाएं पहले मुश्किल से अपने घर और बस्तियों से बाहर निकलती थीं अब वे कंपनी के सामुदायिक विकास परियोजना के तहत फास्ट फूड सेंटर, कला और सजावटी सामान, मुर्गी पालन, खेती, किराना स्टोर, ब्यूटी पार्लर और सिलाई तथा कई अन्य सूक्ष्म उद्यम चलाती हैं।(Vedanta promotes participation of rural women)
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सुभलक्ष्मी सहकारी- झारसुगुडा, ओडिशा में स्थित भारत की सबसे बड़ी ग्रामीण महिला सहकारी समितियों में से एक है। इसे 2008 में शुरू किया गया जो स्थायी आजीविका और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती है। वर्तमान में 72 गांवों की 4,100 से अधिक महिलाएं इससे जुड़ चुकी हैं। सहकारिता महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों को सूक्ष्म-आय, कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता, बाजार से जुड़ाव आदि प्रयासों में सहायक होने के साथ सक्षम बनाती है। यह उन्हें विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ता है।
उन्नति परियोजना- छत्तीसगढ़ स्थित वेदांता समूह की सहायक कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने उन्नति परियोजना के जरिए महिलाओं को अनेक सामुदायिक गतिविधियों से जोड़ा है जिससे उन्हें आजीविका प्राप्त करने और खुद के पैरों पर खड़े होने में मदद मिली है। वर्तमान में कोरबा के 45 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 450 स्वयं सहायता समूहों की 5000 से अधिक महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 90 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया। परियोजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के विकास की दिशा में कार्य कर रही है। महिलाओं को सशक्त, वित्तीय प्रबंधन, सूक्ष्म उद्यमों के प्रचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।(Vedanta promotes participation of rural women)
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सखी परियोजना- ओडिशा के कालाहांडी में स्थित वेदांता लिमिटेड, लांजीगढ़ अपने सामुदायिक विकास परियोजना से कौशल प्रशिक्षण एवं आजीविका सृजन के अवसरों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल ‘सखी’ के साथ लांजीगढ़ जैसे अत्यंत पिछड़े क्षेत्र में सामाजिक और वित्तीय समावेशन और छोटे उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है। सखी स्थानीय महिलाओं का मार्गदर्शन कर उन्हे सामाजिक सुरक्षा और संस्थागत ऋण तथा अन्य संसाधनों तक पहुँचने में मदद करता है। स्व सहायता समूह के उत्पादों को बढ़ावा देने, विक्रय और बाजार से जुड़ने के लिए शक्तिमयी फाउंडेशन नामक एक संघ बनाया गया है। सखी कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में विभिन्न आय सृजन गतिविधियों को निर्मित कर लगभग 4,000 से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही है।(Vedanta promotes participation of rural women)
अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर एल्यूमिनियम व्यवसाय, वेदांता लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राहुल शर्मा ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। कंपनी सामाजिक असमानता को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है ताकि उन्हें कौशल विकास, ज्ञान और संसाधनों के साथ सक्षम बनाया जा सके जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी के सामुदायिक कार्यक्रमों के अंतर्गत सामाजिक-आर्थिक समानता हमारे लक्ष्यों का प्रमुख स्तंभ है। राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी के उद्देश्य से वेदांता एल्यूमिनियम आजीविका, शिक्षा, कौशल उन्नयन, महिला सशक्तिकरण, आधारभूत संरचना विकास क्षेत्रों में योगदान दे रही है।