नई दिल्ली :- 26 जून 2023 पारिवारिक जीवन की सफलता केवल एक दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चलने भर से नहीं है वरन भावों में, विचारों में, संतुलन बिठाने की जरूरत भी होती है। ऐसा वैवाहिक जीवन एक दूसरे को पूर्णता की ओर ले जाता है। पर क्या ऐसा होता है? उन्मुक्त गुब्बारे के सामन हर व्यक्ति की अपनी एक क्षमता होती है। अपनी पसंद और नापसंद होती है। उसे महत्व न देकर अगर उसका साथी उसे नकारता है तो मन में कहीं न कहीं असंतुष्टि होना स्वाभाविक है।(Sunil book Sheela Jhunjhunwala)
उस परिस्थति में मतभेद भी हो सकते है ऐसी स्थितियों में जिंदगी कठिन हो जाती है जिंदगी की खूबसूरती उसके मोड और उसके संघर्ष होतो है। कोई भी समस्या ऐसी नहीं होती जिसे आपसे सहमति और असहमति के बीच से रास्ता निकालकार सुलझाया न जा सके। सुनील जी की यह पुस्तक वैवाहिक जीवन की इन्हीं सब चक्रव्यूहों से निकलने का रास्ता दिखाती है। ये विचार इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में वरिष्ठ लेखिका एवं पत्रकार पथश्री शीला झुनझुनवाला ने व्यक्त किए।(Sunil book Sheela Jhunjhunwala)
अवसर था पूर्व राज्य मंत्री सुनील शास्त्री की पुस्तक “अ जॉयफुल जर्नी विद मीरा 50 ईयर्स ऑफ ब्लिसफुल मैरेज के लोकार्पण का कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शीला झुनझुनवाला ने कहा कि यह पुस्तक सुनील शास्त्री जी के वैवाहिक जीवन के अपने पचास वर्षों के अनुभवों पर आधारित है। 50 वर्षों के इस लम्बे कालखण्ड में जीवन में अनेक झंझावात आए, उथल पुथल हुई, स्थान बदले, परिवेश बदला, किंतु इस सबके बीच “लव एट फर्स्ट साइट से जो जीवन शुरू हुआ, उसको सुनील जी और मीरा जी ने कैसे सजाया सॅवारा सँजोया इसकी सारी जानकारियाँ हमें इस पुस्तक के माध्यम से मिलती है।(Sunil book Sheela Jhunjhunwala)
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि साहित्यकार प्रो. अनामिका ने कहा कि जो प्रेम और विश्वास की नदी लाल बहादुर शास्त्री जी को हर मुसीबत के पार उतारती रही शालीनता से वही प्रेम और विश्वास की नदी इस घर में एक तरह से अपना आँचल ओढ़ा के बैठ गई। जिसको इंटरपर्सलन रिलेशनशिप कहते है आज की दुनिया में इंटरपर्सनल बॉण्ड इज द ओनली सीक्रेट स्पेस। बाकी समाज और राजनीति के जो भी गठबंधन होते हैं, उनमें बहुत सारे अगर मगर बैठ गए है। भारत में अंतरवैयक्तिक संबंध अभी भी पवित्र क्रीडा है। इसका एक बड़ा सजग दस्तावेज है।
ये किताब । ट्रैकिंग शब्द का इतना सुंदर प्रयोग… कितनी बड़ी बात है ये कि ट्रैक न करों किसी से भूल हुई तो हुई। ये उस व्यक्ति के बेटे का ही वक्तव्य हो सकता है जिसने रेल के पटरी से उतर जाने पर रेल मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। हालांकि ट्रेन किसी और की भूल से पटरी से उतरी ।
अनामिका ने कहा कि जिंदगी के सभी नौ रस दांपत्य में होते हैं श्रृंगार रस से शुरू हुई इस यात्रा का विलय करूण रस पर हो जाता है। लेकिन बीच में रौद्र भी आता है. बीभत्स भी आता है, वात्सल्य भी आता है, भयानक भी आता है. और भी सारे रस आत है। इस गहन रथयात्रा के इस पड़ाव पर आकर एक काउंसिल बुक लिखना महत्वपूर्ण बात है एलिजावेदन इंग्लैंड में बहुत सारे कॉमनप्लेस बुक्स हुआ करते थे। पहले पहल जब कैप्स्टन प्रेस खुला, उस समय बहुत सारे कॉमनप्लेस बुक्स हर जगह लिखे गए उनका वो बहुत रोचक दस्तावेज है उस समय का हमारे यहाँ भी जब नया-नया प्रसे खुला..