दिनांक 6 जनवरी 2023:-बिलासपुर और नागपुर के बीच 12 दिसंबर से शुरू हुई वंदे भारत एक्सप्रेस एक दिन भी विलंब नहीं हुई, लेकिन रायपुर रेल मंडल से गुजरने वाली अधिकतम एक्सप्रेस ट्रेनें लेट चल रही है। इन ट्रेनों में रोज सफर करने वाले लगभग हजारों यात्री पांच से सात-सात घंटे विलंब से अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। यात्रियों के लिए यह परेशानी का सबब बन गया है। बताया जा रहा है कि वंदेभारत की मानिटरिंग रेलवे बोर्ड के अधिकारी दिल्ली से कर रहे हैं,इसलिए वंदे भारत ट्रेन समय पर चलाई जा रही है। इस चक्कर में रायपुर स्टेशन में अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनें पांच से सात घंटे तक विलंब से चल रही हैं। इसमें उत्तर भारत की ओर से आने वाली ट्रेनों के साथ ही महाराष्ट्र मार्ग पर जाने वाली ट्रेनें भी शामिल हैं।(Trains passing through Raipur Railway Division are late)

Trains passing through Raipur Railway Division are late
रायपुर रेल मंडल से गुजरने वाली ट्रेने लेट,यात्रियों को हो रही परेशानी, परेशान यात्रियों ने किया ट्वीट,क्या वंदे भारत ट्रेन है इसकी वजह?

 


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नागपुर-बिलासपुर के बीच 130 किमी. की रफ्तार से दौड़ रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अब तक एक भी दिन विलंब से नहीं चली है।वहीं दूसरी ओर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर और बिलासपुर जाेन में प्रवेश करते ही लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ-साथ कम दूसरी यानि बिलासपुर-इतवारी-नागपुर तक चलने वाली ट्रेनें हांफने लगती है,उनकी रफ्तार धीमी पड़ जाती है,क्योंकि इन ट्रेनों को जब मन किया वहां रोक दिया जा रहा है।इस कारण पिछले कई दिनों से लगातार शिवनाथ, इंटरसिटी, मेल, आजाद हिंद, जनशताब्दी, उत्कल, अमरकंटक एक्सप्रेस व मेल विलंब से रायपुर,बिलासपुर समेत अन्य स्टेशनों में पहुंच रही है।(Trains passing through Raipur Railway Division are late)

 

 

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एक्सप्रेस ट्रेनों में बिलासपुर से नागपुर तक का सफर अधिकतम सात घंटे का है,लेकिन पिछले कई महीनों से ये 12 से 13 घंटे ले रहीं है। ऐसे हालात में आम जनता प्लेटफार्म पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करते या तो फिर ट्रेन में बैठकर अपने स्टेशन आने का इंतजार। सफर कर रहे यात्री लेटलतीफी के लिए रेलवे प्रशासन को कोस रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक जब तक नागपुर तक तीसरी लाइन का काम पूरा नहीं होता है तब तक ट्रेनों की ऐसी ही स्थिति रहने वाली है।(Trains passing through Raipur Railway Division are late)

 

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झारसुगुड़ा से जैसे ही ट्रेन बिलासपुर, रायपुर की ओर आगे बढ़ती है तो मुंबई मेल,आजाद हिंद,दूरंतो,अहमदाबाद सहित अन्य ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो जाती है।इसकी वजह कोयला से भरी मालगाड़ी होती है। हिमगीर से जामदा तक चढ़ाई वाला हिस्सा है,इस हिस्से में दो लोड मालगाड़ी आठ हजार टन कोयला लेकर चलते समय दम तोड़ देती है। अगर ट्रेन चलती भी रहती है तो इतनी धीमी कि 19 किलोमीटर पार करने में दो से ढाई घंटे लग जाते हैं। ऐसे में इन मालगाड़ियों के पीछे-पीछे सभी एक्सप्रेस गाड़ियां चलती रहती हैं। यहां अप और मिडिल लाइन दोनों में मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं,इसलिए ट्रेन लेट हो रही है।

 

 

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रायपुर रेल मंडल से रोजाना 90 ट्रेनें आवाजाही कर रही है।इनमें नागपुर रूट पर चलने वाली 20 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनें बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और डोंगरगढ़ तक तो ठीक चलती है, वहीं पनियाजोब स्टेशन से गुदमा तक 53 किलोमीटर सिर्फ दो लाइन है, इसलिए ज्यादातर एक्सप्रेस ट्रेनों को खड़ा कर दिया जाता है। एक एक्सप्रेस ट्रेन खड़ा करने के बाद तीन से चार मालगाड़ियों को गुजारा जाता है। इसमें 27 किलोमीटर के हिस्से में घाट पहाड़ है,यहां पर मालगाड़ियों को डबल इंजन लगाकर ले जाना पड़ता है इसमें काफी समय लगता है,इसलिए डोंगरगढ़ से गोंदिया के बीच ट्रेनें चार से पांच घंटे लेट हो रही हैं।

 

 

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परेशान यात्रियों ने किया ट्वीट

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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