यह घटना मध्यप्रदेश के रीवा जिले की है जहां 4 साल के बच्चे की मौत के 20 दिन बाद करीब 36 घंटे तक मंदिर में उसे जिंदा करने के लिए भीड़ लगी रही इनमें उसके बच्चे की मां और उनके पूरे परिवार वाले भी शामिल थे लगभग 100 से ज्यादा लोग पूजा पाठ कीर्तन करते रहे। भजन के साथ साथ 24 घंटे बाद भंडारा भी हुआ लेकिन आखिरकार सबको निराश होना पड़ा।(worship to bring the child alive)
रीवा जिले से 5 किलोमीटर दूरी पर सगरा क्षेत्र मे बकझेरा गांव है जहां 4 साल के बच्चे की तबीयत खराब होने से मौत हो गई। फिर उसे बकझेरा गांवबकझेरा गांव में शव को दफना दिया गया । उसकी मां ऋतु अपने बच्चे को भुल नहीं पा रही थी। वह गुमसुम रहने लगी करीब 5 दिन पहले खीरा गांव का रहने वाला मुनेश उनके घर पहुंचा मुनेश ऋतु का बड़ा भाई है। यहां ऋतु को उसने बताया की कुलदेवी उसके सपने में आई थी और उन्होंने कहां की तू सो रहा है और वहां जिंदा भांजे को दफनाआया है। तू कब्र की मिट्टी को लेकर मेरे दर पर आ पूजा अर्चना ,भजन ,भक्ति कर और मैं उसे जिंदा करूंगी।(worship to bring the child alive)
मां की जागी आस
भाई की बात सुनते ही मां की एकलौते बेटे के लिए ममता जाग गई उसने तुरंत यह बात परिवार वालों को बताएं और और तुरंत भीटी गांव से 25 किलोमीटर दूर बकझेरा गांव मे स्थित शारदा देवी के मंदिर के लिए निकल गए और सपने के अनुसार कब्र की मिट्टी भी साथ ले गए गुरुवार शाम 4:00 बजे से मंदिर में पूजा पाठ शुरू हो गया। मूर्ति के ठीक सामने टोकरी के नीचे कब्र की मिट्टी को रखा गया और साथ मे एक पुतलापुतला बनाकर रखा गया गांव के 100 लोग से ज्यादा इकट्ठा हो गए। इसके बाद पूजा-पठ भजन कीर्तन शुरू हो गया। ढोल मंजीरे की धुन पर भजन होने लगा यह सिलसिला करीब 36 घंटे तक चलता रहा।(worship to bring the child alive)
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आखिरकार मिली निराशा
बच्चे के मामा मुनेश कॉल ने बताया कि सपने के मुताबिक टोकरी के नीचे रखे गए मिट्टी और पुतले में जान जानी चाहिए थी। पहले 24 घंटे तक देखा गया जान नहीं आनेआने पर 12 घंटे तक और पूजा पाठ किया गया करीब 36 घंटे तक यानी शनिवार सुबह 4:00 बजे तक लगातार भजन कीर्तन चलता रहा इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो वह निराश हो गया।(worship to bring the child alive)